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दुर्ग नगर निगम में अनुकंपा नियुक्ति में जमकर मनमानी, एक ही परिवार को दो सदस्यों को दे दी सरकारी नौकरी

अधिकारियों ने नियम के विपरीत पहले मृत कर्मियों के आश्रितों यानी नियुक्ति की पात्रता के लिहाज से सीनियरों की जगह बाद में जूनियरों को नियुक्ति दे दी। (compassionate appointment in Durg Municipal Corporation)

दुर्गJul 13, 2020 / 12:30 pm

Dakshi Sahu

दुर्ग नगर निगम में अनुकंपा नियुक्ति में जमकर मनमानी, एक ही परिवार को दो सदस्यों को दे दी सरकारी नौकरी

दुर्ग नगर निगम में अनुकंपा नियुक्ति में जमकर मनमानी, एक ही परिवार को दो सदस्यों को दे दी सरकारी नौकरी

दुर्ग. नगर निगम में अनुकंपा नियुक्ति के मामले में अपने ही मृत कर्मियों के परिजनों से धोखा का मामला सामने है। अधिकारियों ने नियम के विपरीत पहले मृत कर्मियों के आश्रितों यानी नियुक्ति की पात्रता के लिहाज से सीनियरों की जगह बाद में जूनियरों को नियुक्ति दे दी। इतना ही नहीं एक ही परिवार के एक से ज्यादा व विवाहित पुत्रियों को भी नियुक्ति दे दी गई।
शासकीय सेवा के दौरान कर्मियों के असामयिक मौत के मामले में परिवार को सहायता के रूप में आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान है। राज्य शासन के लगभग सभी विभागों में यह प्रावधान है, लेकिन नगर निगम में प्रावधान के आड़ में अपने की पूर्व कर्मियों से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। नगर निगम में जून 2012 से जनवरी 2017 तक काम के दौरान प्राण गंवानें वाले 21 से ज्यादा कर्मियों के परिजनों ने उम्मीद में आवेदन लगा रखा है। इनमें से वर्ष 2016 व 2017 के केवल 3 को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है।
5 साल से भटक रही, यहां 3 जूनियर निकल गए आगे
मई 2015 से मृतक मां की जगह अनुकंपा नियुक्ति के लिए सिद्धार्थ नगर की युवती अब तक भटक रही है। उन्होंने सूचना का अधिकार के तहत निगम में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन करने वालों की सूची निकाली और पड़ताल की। इसमें उनसे जूनियर 3 लोगों को निगम प्रशासन द्वारा नियुक्ति दे दिए जाने का मामला सामने आया।
विवाहित पुत्री को भी नियुक्ति
सूची की पड़ताल में मृत कर्मी की जगह उसकी विवाहित पुत्री को भी नियुक्ति दे देने का मामला सामने आया है। नियम के अनुसार विवाहित पुत्री को आश्रित नहीं माना जा सके। सूत्रों की माने तो 17 अगस्त 2016 को मृत कर्मी चतुर राम की विवाहित पुत्री प्रीति को नियुक्ति दे दी गई। जबकि उनसे 13 सीनियर अभी भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।
इन जूनियर्स को भी नियुक्ति
इसी तरह सीनियरों को दरकिनार कर दो और जुनियरों को नियुक्ति दे देने का मामला सामने आया है। दो मृत कर्मियों मंगलू निषाद (मृत्यु 7 अप्रैल 2016) के बेटे भीमराव निषाद और देवा ( मृत्यु 2017) की पत्नी को भी नियुक्ति दी गई है। जबकि इनसे करीब आधा दर्जन सीनियर अब भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।
एक ही परिवार के दो को नियुक्ति
नियमानुसार किसी भी परिवार में एक से अधिक सरकारी कर्मचारियों की मौत के बाद भी किसी एक आश्रित को ही नियुक्ति देने का प्रावधान है, जबकि नगर निगम में एक ही परिवार के पति-पत्नी की मृत्यु पर उनके बेटे सुधीर गोईर और विवाहित पुत्री प्रीति गोईर को नियुक्ति दी गई है। खास बात यह है कि दोनों अन्य आवेदनकर्ताओं से काफी जूनियर हैं।
शासन स्तर पर नियुक्ति का हवाला
खास बात यह है क मामले की जांच व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाए निगम के जिम्मेदार अफसर स्थानीय स्तर पर पद स्वीकृत नहीं होने शासन स्तर पर नियुक्ति आदेश का हवाला देकर बचाव की कोशिश कर रहे हैं। जबकि अनुकंपा नियुक्ति के मामले में रिक्त पद के अनुसार सीनियारिटी के आधार पर स्थानीय स्तर पर नियुक्ति का प्रावधान है। इस मामले में दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल ने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए शासन का गाइड लाइन तय है। सीनियरों को पहले नियुक्ति दिया जाना चाहिए। मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। किसी ने मेरे पास इसकी शिकायत भी नहीं की है। ऐसा है तो यह गलत है। इसकी पड़ताल कराई जाएगी। शासन के संज्ञान में लाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

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