यह राशि एक माह के भीतर जमा करना होगा। यालको गु्रप के खिलाफ 72 लोगों ने जिला उपभोक्ता फोरम में 79 परिवाद प्रस्तुत किया था। जिस पर सुनवाई के बाद यह फैसला फोरम के सदस्य सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने सुनाया। खास बात यह है कि इसी कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम ने 21 मई 2018 को 228 प्रकरणों पर एक साथ फैसला सुनाकर देश में सर्वाधिक फैसले का रिकार्ड बनाया था।
परिवादियों ने फोरम को जानकारी दी थी कि यालको गु्रप ने आकर्षक योजना का प्रलोभन देकर मोटी राशि जमा कराई थी। डायरेक्टर ने आश्वासन दिया था कि राशि के एवज में निश्चित समय के बाद बकरा, मुर्गा या फिर आवासीय जमीन देगा। बाद में डायरेक्टर दपंती ने यह कहते हुए अपना कारोबार बंद कर दिया कि भारतीय प्रभिूति एव विनयम बोर्ड(सेबी) ने खाते को सीज कर लेन देन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
कंपनी के डायरेक्टर प्रेमलाल देवांगन राजनादगांव जेल में और ममता किरण दुर्ग सेंट्रल में निरुद्ध है। सुनवाई के दौरान दोनों जिला उपभोक्ता फोरम में उपस्थित भी हुए। फोरम ने जवाब दावा प्रस्तुत करने पर्याप्त समय भी दिया लेकिन जवाब दावा प्रस्तुत नहीं किया।
इस मामले में निवेशकों की शिकायत पर अलग-अलग थाना में भी धोखाधड़ी के कई अपराध दर्ज किया है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। अपराधिक प्रकरण में गिरफ्तारी होने के कारण आरोपी डायरेक्टर दंपती न्यायायिक अभिरक्षा में जेल में है।
जब कोई व्यक्ति विश्वास के साथ ऐसे संस्थान में रकम जमा कराता है और अनावेदकों के द्वारा की गई अनियमित्ता के कारण यदि निवेश की गई राशि वापस नहीं मिलती तो ऐसी स्थिति में निवेशकर्ता को मानसिक वेदना होना स्वाभाविक है। जिसके लिए यादि परिवादियों ने मानसिक क्षति की मांग की है तो वह जायज ही माना जाएगा।