आरोपियों ने धमधा नाका स्थित यशवंत ठाकुर की पुश्तैनी जमीन को खाली बताकर उसकी रजिस्ट्री करा ली। मामले का खुलासा होते ही जब यशवंत ने जमीन वापस लेने पुलिस से मदद मांगी तो हनुमान यादव यह कहकर धमकाने लगा कि उसके जमीन के कारोबार में गैंगस्टर तपन सरकार पाटर्नर है। अगर पुलिस की मदद ली तो अपहरण कराकर जान से मार देंगे। इसके बाद आरोपियों ने 10 जुलाई को पीडि़त के साथ मारपीट की।
१ आशीष पालीवाल
२. सचिन यादव
३. गोवर्धन अठवानी जमानत आवेदन पर सुनवाई आज
कांग्रेस नेता ने विशेष न्यायालय में जमानत पर रिहा किए जाने की मांग करते आवेदन प्रस्तुत किया। इस प्रकरण में पुलिस ने एसएटीएससी एक्ट की धारा लगाई है। विशेष लोक अभियोजक आदित्य ताम्रकार ने बताया कि नियमत: जमानत आवेदन की सुनवाई से पहले न्यायालय प्रार्थी का पक्ष सुनेगा। न्यायालय ने पक्ष सुनने प्रार्थी को बुधवार को नोटिस जारी किया है। जमानत आवेदन पर सुनवाई गुरुवार को होगी।
मोहन नगर थाना में हनुमान यादव के खिलाफ वर्ष 2014 में धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया गया था। इस प्रकरण में पुलिस ने एफआईआर तो किया, लेकिन गिरफ्तारी नहीं की। तत्कालीन टीआई एमपी टंडन ने प्रकरण को खात्मा भी कर दिया। गंभीर प्रकरण को किस आधार पर खात्मा किया गया इसकी जांच दुर्ग सीएसपी भोजराम पटेल कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस नेता व उसके साथियों के खिलाफ शिकायत केलाबाड़ी निवासी संतोष जैन ने की थी। उसने बताया था कि हनुमान यादव ने अपने सहयोगी के साथ फर्जी दस्तावेज तैयार कर सड़क, नाली के लिए आरक्षित जमीन बेच दी है। बिक्री करते समय खसरा नंबर २९४ में करीब १०.७ एकड़ जमीन बताया गया, जबकि टाउन एंड कंट्री प्लालिंग विभाग में केवल ५.७ एकड़ जमीन अनुमोदित है।
जांच में खुलासा हुआ कि महादेव महार की हत्या करने रचे षडय़ंत्र में हनुमान यादव भी शामिल है। हॅालाकि न्यायालय ने बाद में उसका नाम प्रकरण से हटा दिया। प्रकरण की सुनवाई में हनुमान यादव ने स्वीकार किया था कि वह तपन सरकार को जानता है। उसने तपन सरकार को हत्या के ठीक पहले सिम ९८२६४२९८४०, ९८२६४२९८४१,४२,४३,४४,४५,४६ खरीद कर दिया था।