वर्ष 2013 में अखंड ज्योति ने मेयर इन काउंसिल में अपील की जिस पर डॉ. शिव कुमार तमेर ने 10 लाख बोली के बाद भी दुकान 3 लाख 65 हजार रुपए में ही आवंटन कर दिया। इधर आवंटन के बाद भी 2018 तक अखंड ज्योति ताम्रकार को कब्जा नहीं दिया गया। अखंड ज्योति ने 19 नवंबर 18 को उपभोक्ता फोरम में दुकान आवंटन के विषय पर निगम के विरूद्ध केस फाइल किया। उस केस में निगम ने बचाव नही किया इस पर फोरम ने दुकान आवंटन का आर्डर दे दिया।
इधर मौजूदा महापौर धीरज बाकलीवाल के कार्यकाल में दुकान का पजेशन दे दिया गया। खास बात यह है कि सामान्य सभा में कांग्रेस भाजपा के पार्षद किसी ने इस पर आपत्ति दर्ज नहीं कराई। आप नेता मेहरबान सिंह का दावा है कि उक्त दुकान की मौजूदा बाजार कीमत कम से कम 25 लाख रुपए है। निगम फोरम में पक्ष रखती और बचाव करती तो इसे नए सिरे से आवंटित किया जा सकता था। इससे निगम को कम से कम 25 लाख रुपए मिलते। उन्होंने कहा कि आवंटन को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
आप नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस के बाद मामले की शिकायत विधायक अरुण वोरा से भी की। नेताओं ने मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर आवंटन रूकवाने की मांग की। आप नेताओं ने कहा कि 25 लाख की संपत्ति सुनियोजित तरीके से बेहद कम दर में आवंटित कर नगर निगम को आर्थिक चोट पहुंचाई जा रही है। आप नेताओं में मामले की शिकायत कलेक्टर से भी करने की बात कही है।