scriptनगर निगम में दुकान आबंटन में बड़ा खेल, 25 लाख की दुकान 3.65 लाख में कर दी आवंटित, निविदा की फाइल भी कर दी गायब | Disturbance revealed in the allocation of shops in Durg Nigam | Patrika News
दुर्ग

नगर निगम में दुकान आबंटन में बड़ा खेल, 25 लाख की दुकान 3.65 लाख में कर दी आवंटित, निविदा की फाइल भी कर दी गायब

आप नेताओं का आरोप है कि सोची-समझी रणनीति के तहत कांग्रेस व भाजपा दोनों दल के नेताओं ने मिलीभगत कर गड़बड़ी को अंजाम दिया है।

दुर्गJan 23, 2022 / 12:51 pm

Dakshi Sahu

नगर निगम में दुकान आबंटन में बड़ा खेल, 25 लाख की दुकान 3.65 लाख में कर दी आवंटित, निविदा की फाइल भी कर दी गायब

नगर निगम में दुकान आबंटन में बड़ा खेल, 25 लाख की दुकान 3.65 लाख में कर दी आवंटित, निविदा की फाइल भी कर दी गायब

दुर्ग. नगर निगम दुर्ग में दुकान आवंटन में बड़े घालमेल का खुलासा हुआ है। आम आदमी पार्टी के नेताओं की मानें तो निगम के नेताओं ने मिलीभगत कर 25 लाख की दुकान महज 3 लाख 65 हजार में आवंटित कर दिया गया। खास बात यह है कि ज्यादा बोली के बाद भी निगम के नेताओं ने न तो अपने अधिकारों का प्रयोग किया और न ही न्यायालयीन फैसले के विरूद्ध अपील की जरूरत समझी गई। आप नेताओं का आरोप है कि सोची-समझी रणनीति के तहत कांग्रेस व भाजपा दोनों दल के नेताओं ने मिलीभगत कर गड़बड़ी को अंजाम दिया है। आम आदमी पार्टी के नेता मेहरबान सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में यह आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि मामला नगर निगम अंतर्गत अग्रसेन चौक के सामने सुभाष प्राथमिक स्कूल के दुकान क्रमांक 9 से जुड़ी है। उन्होंने बताया कि दुकान के लिए वर्ष 2005 में निविदा निकली गई। जिसमें अधिकतम बोली 3 लाख 65 हजार रुपए अखण्ड ज्योति ताम्रकार की थी। यह दुकान अधिकतम बोली के आधार पर आवंटित करने के बजाए निविदा की फाइल को गायब कर दी गई। वर्ष 2011 मेयर तात्कालिन मेयर डॉ शिव कुमार तमेर ने फिर से निविदा निकलवाई और फाइल गम होने की एफआईआर दर्ज कर नगरीय निकाय प्रशासन को सूचना देने का निर्णय मेयर इन कॉउंसिल में निर्णय लिया गया। इस निविदा में शरद अरोरा ने उक्त दुकान की 10 लाख बोली लगाई। निगम ने उनको ऑफर दर कम बताकर अस्वीकार कर दिया, लेकिन निगम दस्तावेज में सबसे ज्यादा बोली शरद अरोरा की थी।
फोरम में निगम ने बचाव ही नहीं किया
वर्ष 2013 में अखंड ज्योति ने मेयर इन काउंसिल में अपील की जिस पर डॉ. शिव कुमार तमेर ने 10 लाख बोली के बाद भी दुकान 3 लाख 65 हजार रुपए में ही आवंटन कर दिया। इधर आवंटन के बाद भी 2018 तक अखंड ज्योति ताम्रकार को कब्जा नहीं दिया गया। अखंड ज्योति ने 19 नवंबर 18 को उपभोक्ता फोरम में दुकान आवंटन के विषय पर निगम के विरूद्ध केस फाइल किया। उस केस में निगम ने बचाव नही किया इस पर फोरम ने दुकान आवंटन का आर्डर दे दिया।
आप ने कहा जाएंगे खिलाफ में हाईकोर्ट
इधर मौजूदा महापौर धीरज बाकलीवाल के कार्यकाल में दुकान का पजेशन दे दिया गया। खास बात यह है कि सामान्य सभा में कांग्रेस भाजपा के पार्षद किसी ने इस पर आपत्ति दर्ज नहीं कराई। आप नेता मेहरबान सिंह का दावा है कि उक्त दुकान की मौजूदा बाजार कीमत कम से कम 25 लाख रुपए है। निगम फोरम में पक्ष रखती और बचाव करती तो इसे नए सिरे से आवंटित किया जा सकता था। इससे निगम को कम से कम 25 लाख रुपए मिलते। उन्होंने कहा कि आवंटन को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
विधायक से शिकायत
आप नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस के बाद मामले की शिकायत विधायक अरुण वोरा से भी की। नेताओं ने मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर आवंटन रूकवाने की मांग की। आप नेताओं ने कहा कि 25 लाख की संपत्ति सुनियोजित तरीके से बेहद कम दर में आवंटित कर नगर निगम को आर्थिक चोट पहुंचाई जा रही है। आप नेताओं में मामले की शिकायत कलेक्टर से भी करने की बात कही है।
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