भौगोलिक स्थिति होगी स्पष्ट
निगम प्रशासन द्वारा इसके लिए पहले शहर की एरियल मैपिंग कराने का निर्णय किया गया है। इसके लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी। एरियल मैपिंग से शहर की बसाहट के साथ हर एरिया की भौगोलिक स्थिति की स्पष्ट जानकारी निगम के पास उपलब्ध हो जाएगी। इसके आधार पर स्थानीय जरूरतों का आंकलन किया जा सकेगा।
हर मकान व प्लाट का डेटा
अफसरों की माने तो एरियल मैपिंग से न सिर्फ शहर का नक्शा तैयार होगा, बल्कि सभी 60 वार्डों के प्रत्येक मकान, भवन, प्लाट, भूखंड, नाली, तालाब के क्षेत्रफल सहित सभी डाटा निगम के पास उपलब्ध हो जाएगा। इससे भविष्य की जरूरत के साथ संसाधनों की उपलब्धता की जानकारी आसानी से जुटाई जा सकेगी।
इन्हें बेहतर करने पर होगा फोकस 0 अव्यवस्थित बसाहट के कारण शहर की आबादी वाले इलाके सघन हो गए हैं। इसके अलावा बाजार क्षेत्र भी संकरी गलियों में तब्दील हो गया है। मैपिंग के बाद शहर के दूसरे इलाकों में बाजार विकसित कर भीतरी इलाकों में दबाव कम किया जा सकेगा।
कस्बाई सूरत को बदलने की इच्छा
लोक कर्म प्रभारी अब्दुल गनी का कहना है कि बिना प्लान के विकास के कारण भविष्य में परेशानी की स्थिति बनती है। शहर को भी यह समस्या झेलनी पड़ रही है। इसलिए अब बेहतर व योजनाबद्ध विकास का निर्णय किया गया है। इसके लिए पहले हर क्षेत्र के एक्सपर्ट्स से रायशुमारी की जाएगी फिर योजनाएं तैयार की जाएगी। शहर की कस्बाई सूरत को बदलकर महानगरी तर्ज पर विकास की योजना है। जल्द इसके लिए एक्सपर्ट्स को बुलाकर रायशुमारी की जाएगी।