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दुर्ग

महानगरीय तर्ज पर बनेगा ड्रेनेज और वाटर सप्लाई सिस्टम, पहले ड्रोन से होगी एरियल मैपिंग फिर एक्सपर्ट्स बनाएंगे प्रोजेक्ट्स

शहर का विकास अब सुव्यवस्थित व महानगरीय तर्ज पर होगा। इसके लिए पहले शहर की ड्रोन से एरियल मैपिंग होगी, इसके साथ डॉक्टर, इंजीनियर सहित हर क्षेत्र के एक्सपर्ट्स से राय ली जाएगी और उसके आधार पर प्रोजेक्ट्स तैयार किए जाएंगे। निगम प्रशासन का दावा है कि इससे न सिर्फ शहर की कस्बाई सूरत बदलेगी बल्कि बसाहट भी सुव्यवस्थित होगी। इससे सड़क, नाली, ड्रेनेज, बाजार, ट्रेफिक, वाटर सप्लाई सिस्टम में भी सुधार होगा।

दुर्गFeb 21, 2020 / 07:39 pm

Hemant Kapoor

Drainage and water supply system will be like metropolis

निगम का दावा शहर की कस्बाई सूरत बदलेगी साथ ही बसाहट भी सुव्यवस्थित होगी

दुर्ग. शहर का विकास अब सुव्यवस्थित व महानगरीय तर्ज पर होगा। इसके लिए पहले शहर की ड्रोन से एरियल मैपिंग होगी, इसके साथ डॉक्टर, इंजीनियर सहित हर क्षेत्र के एक्सपर्ट्स से राय ली जाएगी और उसके आधार पर प्रोजेक्ट्स तैयार किए जाएंगे। निगम प्रशासन का दावा है कि इससे न सिर्फ शहर की कस्बाई सूरत बदलेगी बल्कि बसाहट भी सुव्यवस्थित होगी। इससे सड़क, नाली, ड्रेनेज, बाजार, ट्रेफिक, वाटर सप्लाई सिस्टम में भी सुधार होगा। नगर निगम की नई सरकार ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है। इस संबंध में कार्यशाला आयोजित कर अफसरों को जरूरी जानकारी दी गई है। निगम प्रशासन की माने तो अब तक जगह की उपलब्धता के आधार पर अधिकतर निर्माण व विकास कार्य किए जा रहे थे। इससे शहर की बसाहट अव्यवस्थित हो गई है। अव्यवस्थित बसाहट व विकास के कारण कई योजनाओं के क्रियान्वयन में परेशानी हो रही है। इसके अलावा दैनिक सुविधाओं के सुधार में भी सफलता नहीं मिल रही।

भौगोलिक स्थिति होगी स्पष्ट
निगम प्रशासन द्वारा इसके लिए पहले शहर की एरियल मैपिंग कराने का निर्णय किया गया है। इसके लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी। एरियल मैपिंग से शहर की बसाहट के साथ हर एरिया की भौगोलिक स्थिति की स्पष्ट जानकारी निगम के पास उपलब्ध हो जाएगी। इसके आधार पर स्थानीय जरूरतों का आंकलन किया जा सकेगा।

हर मकान व प्लाट का डेटा
अफसरों की माने तो एरियल मैपिंग से न सिर्फ शहर का नक्शा तैयार होगा, बल्कि सभी 60 वार्डों के प्रत्येक मकान, भवन, प्लाट, भूखंड, नाली, तालाब के क्षेत्रफल सहित सभी डाटा निगम के पास उपलब्ध हो जाएगा। इससे भविष्य की जरूरत के साथ संसाधनों की उपलब्धता की जानकारी आसानी से जुटाई जा सकेगी।

इन्हें बेहतर करने पर होगा फोकस

0 अव्यवस्थित बसाहट के कारण शहर की आबादी वाले इलाके सघन हो गए हैं। इसके अलावा बाजार क्षेत्र भी संकरी गलियों में तब्दील हो गया है। मैपिंग के बाद शहर के दूसरे इलाकों में बाजार विकसित कर भीतरी इलाकों में दबाव कम किया जा सकेगा।
0 शहर के मध्य व बाजार क्षेत्र में अव्यवस्थित विकास के कारण ट्रेफिक को लेकर बेहद परेशानी होती है। दिन के समय त्योहारों के सीजन में बाजार इलाकों में दोपहिया भी ले जाना मुश्किल होता है। मैपिंग से विकल्प तलाश कर सिस्टम को बेहतर किया जा सकेगा।
0 शहर के एक दो कॉलोनियों को छोड़कर कहीं भी ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। अब भी शहर की निकासी व्यवस्था छोटी नालियों पर निर्भर है। अंदरूनी बसाहट में तत्कालिक तौर पर ड्रेनेज सिस्टम बनाना मुश्किल है। ऐसे में छोटी बड़ी नालियों को जोड़कर सिस्टम को बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा।
0 शहर की वाटर सप्लाई सिस्टम करीब 65 साल पुरानी है। शहर के अंदरूनी हिस्से में पाइप लाइन पुरानी होने व दबाव ज्यादा होने के कारण लिकेज व पर्याप्त पानी नहीं पहुंचने की शिकायत आम रहती है। नई तकनीक की मदद से सिस्टम को बेहतर कर घर-घर पानी पहुंचाने में फोकस किया जाएगा।
0 शहर के भीतर खाली शासकीय भूखंड की कमी है। जो भूखंड हैं, वे भी अवैध कब्जे की चपेट में हैं। एरियल मैपिंग से शासकीय भूखंडों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। इसके आधार पर भविष्य में निर्माण की योजनाएं तैयार की जाएंगी।

कस्बाई सूरत को बदलने की इच्छा
लोक कर्म प्रभारी अब्दुल गनी का कहना है कि बिना प्लान के विकास के कारण भविष्य में परेशानी की स्थिति बनती है। शहर को भी यह समस्या झेलनी पड़ रही है। इसलिए अब बेहतर व योजनाबद्ध विकास का निर्णय किया गया है। इसके लिए पहले हर क्षेत्र के एक्सपर्ट्स से रायशुमारी की जाएगी फिर योजनाएं तैयार की जाएगी। शहर की कस्बाई सूरत को बदलकर महानगरी तर्ज पर विकास की योजना है। जल्द इसके लिए एक्सपर्ट्स को बुलाकर रायशुमारी की जाएगी।

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