इसके पहले वर्ष 2014 में हुए 16वें लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक मतदान का रिकार्ड बना था। तब दुर्ग लोकसभा के 67.67त्न मतदाताओं में वोट डाले थे। इसके पहले 1984 में सर्वाधिक 66.68त्न मतदान का रिकार्ड था। इस चुनाव में मतदाताओं ने उत्साह दिखाया और मतदान का आंकड़ा अब तक के सबसे उच्चतम अंक पर पहुंच गया।
दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में सबसे कम मतदान दूसरे आम चुनाव 1957 में हुआ था। तब 41.31त्न मतदान दर्ज किया गया था। इसके बाद तीसरे आम चुनाव 1962 में भी मतदान कमजोर रहा। तब 43.43त्नमतदाताओं ने वोट डाले थे। इस साल सबसे कम मतदान भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र में दर्ज किया गया है। यहां 65.47 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया है। भिलाई नगर उच्च शिक्षित लोगों का क्षेत्र है। यहां मतदान भले ही अन्य विधानसभा से कम हुआ है पर पहले के मुकाबले ग्राफ बढ़ा है।
इस बार तदाताओं ने गजब का उत्साह दिखाया। सरकार बनाने में अपनी भागीदारी दर्ज कराने में आगे रहे। निर्वाचन आयोग ने मतदान के लिए लोगों को जागरुक करने स्वीप अभियान चलाया था। इसमें नए मतदाताओं पर विशेष रूप से फोकस किया गया। स्कूल, कॉलेजों में जाकर युवाओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित किया गया।
मतदान के तुरंत बाद अनंतिम आंकड़े में पिछले चुनाव से कम मतदान के आंकड़े से निराश किया था पर अंतिम आंकड़े ने इन निराशा को उत्साह में बदल दिया।
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तुलसी साहू ने कहा कि ज्यादा मतदान से कांग्रेस को लाभ होगा। हर बार अधिक मतदान केन्द्र में सत्तापक्ष के खिलाफ गया है। दुर्ग लोकसभा में कांग्रेस की जीत तय हो चुकी है। घोषणा बाकी है। जिला भाजपा अध्यक्ष सांवला राम डाहरे ने बताया कि अधिक मतदान से भाजपा को फायदा होगा। लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर वोट दिया है। दुर्ग में भाजपा की जीत को कोई नहीं टाल सकता। भारी मतों से जीतेंगे।