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भूख हड़ताल पर बैठे किसानों ने एसडीएम को क्यों लौटाया बैरंग, पढि़ए पूरी खबर

एक साल बाद भी फसल बीमा का लाभ नहीं मिलने से नाराज लिटिया समिति के किसान रविवार को काम छोड़कर भूख हड़ताल पर बैठ गए।

दुर्गAug 13, 2017 / 10:18 pm

Satya Narayan Shukla

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दुर्ग. एक साल बाद भी फसल बीमा का लाभ नहीं मिलने से नाराज लिटिया समिति के किसान रविवार को खेती का काम छोड़कर भूख हड़ताल पर बैठ गए। समिति से संबद्ध 3 गांवों के 314 किसानों को 1.17 करोड़ रुपए बीमा भुगतान किया जाना है, लेकिन दस्तावेजों में खामियों की वजह से भुगतान नहीं हो पाया है। भूख हड़ताल पर बैठे किसानों को धमधा एसडीएम और बैंक के अधिकारी मनाने भी पहुंचे, लेकिन किसानों ने उन्हें भी भुगतान मिले बिना हड़ताल खत्म नहीं करने दो टूक जवाब देकर लौटा दिया।
क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए

समिति के अध्यक्ष श्यामलाल साहू के नेतृत्व में किसानों ने 14 जुलाई को ही कलक्टर, जिला सहकारी बैंक व संबंधित पुलिस थाने को ज्ञापन सौंपकर भूख हड़ताल की सूचना दे दी थी। इस बीच प्रशासन की ओर से भुगतान के लिए सकारात्मक पहल नहीं किए जाने से नाराज किसान रविवार की सुबह लिटिया दुर्गा चौक पर इक_ा हुए और मांग पूरी होने तक क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए। पहले दिन पीडि़त किसान सुशील बंजारे, जितेन्द्र साहू, बिसौहाराम, चुम्मन लाल सहित करीब 25 किसान भूखहड़ताल पर रहे।
यह है मामला
समिति से संबद्ध ग्राम पुरदा, करेली और गाड़ाडीह के किसानों ने पिछले खरीफ सीजन में धान की फसल का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराया था। तीनों गांवों के ६१४.७३ हेक्टेयर रकबा के बीमा के लिए314 किसानों ने 2 लाख58 हजार 455 रुपए प्रीमियम भी जमा कराया था। इन किसानों को बीमा कंपनी एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा अब बीमित राशिएक करोड़ 17 लाख51 हजार 450 रुपए भुगतान करना है।
पटवारी हल्का में गड़बड़ी के कारण देरी
किसानों की माने तो कंपनी द्वारा दस्तावेजों में पटवारी हल्का नंबर मेल नहीं होने का हवाला देकर भुगतान से इंकार किया जा रहा है। किसानों ने बताया कि समिति के कर्मचारियों ने उक्त गांवों के पटवारी हल्का 23 की जगह दस्तावेज में 26 लिख दिया है।
एसडीएम के आश्वासन पर भी नहीं माने
किसानों के आंदोलन की सूचना पर धमधा एसडीएम राजेशपात्र और बैंक की अधिकारी कुसुम ठाकुर भी भूख हड़ताल स्थल पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने कंपनी से भुगतान कराने के प्रयास का हवाला देकर 15 दिन के मोहलत का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन किसान नहीं मानें और भुगतान होने तक आंदोलन जारी रखने की बात पर अड़े रहे।
सालभर से भटक रहे
सेवा सहकारी समिति मर्यादित ग्राम लिटिया के अध्यक्ष श्यामलाल साहू ने बताया कि किसानों को बीमा भुगतान के लिए करीब सालभर से भटकना पड़ रहा है। बार-बार मांग के बाद भी अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसलिए आंदोलन का सहारा लेना पड़ा। अफसर अब भी समय की मांग कर रहे हैं, लेकिन किसान इससे सहमत नहीं हैं। किसानों ने भुगतान किए जाने तक क्रमिक भूख हड़ताल का निर्णय लिया है।

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