scriptबेटी को डॉक्टर बनाने का सपना पड़ गया महंगा, मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर 29 लाख की ठगी | Fraud caes in Bhilai, Bhilai police | Patrika News
दुर्ग

बेटी को डॉक्टर बनाने का सपना पड़ गया महंगा, मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर 29 लाख की ठगी

मुंबई टेरेना मोडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला कुरुद की व्याख्याता जागेश्वरी देवांगन ठगी का शिकार हो गई।

दुर्गFeb 21, 2019 / 12:19 pm

Dakshi Sahu

patrika

बेटी को डॉक्टर बनाने का सपना पड़ गया महंगा, मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर 29 लाख की ठगी

भिलाई. मुंबई टेरेना मोडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला कुरुद की व्याख्याता जागेश्वरी देवांगन ठगी का शिकार हो गई। फ्यूचर केयर कंसल्टेंसी रियोमाल पचपेड़ी नाका रायपुर के डायरेक्टर संतोष साहनी ने फोन पर उसकी बेटी से संपर्क किया। उसने कहा कि मुंबई के मेडिकल कॉलेज में मैनेजमेंट सीट पर प्रवेश मिल जाएगा। अपनी बेटी सेजल को डॉक्टर बनाने ख्वाब देखने वाली व्याख्याता झांसे में आकर 29.15 लाख रुपए साहनी के एकाउंट में जमा कर दिए।
दो साल बाद भी नहीं मिला प्रवेश
दो साल बाद भी कॉलेज में प्रवेश नहीं मिला तब परेशान होकर जागेश्वरी ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी के तहत अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है। सुपेला टीआई धर्मानंद शुक्ल ने बताया कि 25 मई 2016 को साहनी ने जागेश्वरी के पति नगर निगम कर्मी देवव्रत देवांगन से उनके कार्यालय में आकर संपर्क किया। उसने प्रबंधन कोटे से एमबीबीएस में प्रवेश का विश्वास दिलाया। 2 जून २०16 को 50 रुपए के स्टांप में इकरारनामा तैयार किया, जिसमें 2016-17 के शैक्षणिक सत्र में उक्त कॉलेज में मैनेजमेंट कोटा में एक सीट आरक्षित करने 25 लाख रुपए में सौदा हुआ। बतौर एडवांस 8 जून 2016 को एक लाख रुपए चेक के माध्यम से दिया।
हाइकोर्ट के आदेश का बहाना बनाता रहा
साहनी जब एडमिशन नहीं करा सका तो बहाने बनाने लगा। जागेश्वरी से कहने लगा कि महाराष्ट्र के मेडिकल कॉलेज में बाहर के छात्रों को प्रवेश नहीं दिए जाने की रिट याचिका लगी हैं, जिस पर फैसला एक-दो दिन में आने की संभावना है। 3 अक्टूबर २०16 को बताया कि उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के बाहर के छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। अब कॉलेज में प्रवेश नहीं हो सकता।
6 चेक दिए,सभी बाउंस – साहनी ने 30 जनवरी २०17 को पूरी रकम वापस करने दिलासा दिया। रायपुर नाका अपने कार्यालय में बुलाकर 18 लाख 85 हजार रुपए के कुल ६ पोस्ट डेटेड चेक दिए। सभी चेक बाउंस हो गए। अब साहनी का मोबाइल बंद बता रहा है। २० अगस्त २०१६ को साहनी ने देवव्रत को अपने कार्यालय बुलाया। उसके सहयोगी अमित भार्गव ने २०० रुपए का चालान और ऑनलाइन फार्म भरवाया। साहनी ने बताया कि एडमिशन सुनिश्चित हो गया। २६ अगस्त २०१६ को अपने बैंक खाते में 5 लाख 80 हजार कासनमनी के लिए जमा करवाया। सितम्बर २०१६ में बताया कि प्रवेश पक्का हो गया। कॉलेज इंचार्ज को 23 लाख रुपए नकद देना होगा कहकर साहनी ने अपने खाते में पूरी रकम जमा करवाया।
भरोसा जीतने मुंबई बुलवाया, कॉलेज भी घुमाया
देवांगन को 20 सितम्बर २०16 को मुंबई बुलाया। टिकट की व्यवस्था खुद की और होटल में ठहराया भी। दिन सुबह 9.30 बजे टेरेना मेडिकल कॉलेज ले गया। वहां राजीव रोशन तोमर के नाम के व्यक्ति से उसका परिचय कराया। जागेश्वरी ने जमा की गई रकम 5 लाख 80 हजार रुपए की रसीद मांगा। तब साहनी ने मनेंद्रगढ सरगुजा के एसबीआई से टेरेना मेडिकल कॉलेज के नाम से डीडी बनवाया। 23 सितम्बर २०16 को वाट्सऐप पर रसीद भेजा।
दोबरा धोखा दिया, एक महीने हॉस्टल में रखवाया
जागेश्वरी ने रकम वापस मांगा तो साहनी ने फिर झांसा दिया। ६ अक्टूबर २०१६ को लखनऊ के मेडिकल कॉलेज डीएमई में एडमिशन कराने काउंसलिंग के लिए ले गया। जागेश्वरी, पति देवब्रत और बेटी सेजल कार से लखनऊ पहुंचे। वहां दो दिन तक रूके रहे। संतोष ने बताया कि १५ अक्टूबर २०१६ तक एडमिशन की तारीख बढ़ा दी गई है। यहां के रियो, मायो, हिन्द इन तीनों में से किसी भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन हो जाएगा। वहां डॉ. नवीन से मिलाया। उसने कहा कि 11 लाख 30 हजार रुपए एक वर्ष के लिए जमा करा लिया।
इसी दौरान करीब एक माह उसकी बेटी प्रसाद मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में रहकर अध्ययन की। लेकिन प्रसाद मेडिकल कॉलेज वालों ने बताया कि एमसीआई से हमे एडमिशन कराने की अनुमति नहीं मिली है। बेटी को प्रसाद मेडिकल कालेज से वापस ले जाने को कहा। जब उसने अपनी रकम 11 लाख 30 हजार की मांग की तो कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि साहनी ने जो चेक दिया था वह बाउंस हो गया।

Home / Durg / बेटी को डॉक्टर बनाने का सपना पड़ गया महंगा, मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर 29 लाख की ठगी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो