scriptसरकार बदलते ही बदली निगम की तस्वीर, पहली बार सत्ताधारियों ने घेरा निगम कमिश्नर को,बोले मंजूरी के लिए सीधे शासन को भेजें बजट | Government changed picture of corporation | Patrika News
दुर्ग

सरकार बदलते ही बदली निगम की तस्वीर, पहली बार सत्ताधारियों ने घेरा निगम कमिश्नर को,बोले मंजूरी के लिए सीधे शासन को भेजें बजट

प्रदेश में सरकार बदलने के बाद अब नगर निगम की राजनीतिक तस्वीर भी बदली हुई नजर आ रही है। पक्ष और विपक्ष की भूमिका भी अप्रत्यक्ष तौर पर बदल गई है। अब तक शिकवे-शिकायतों पर विपक्षियों द्वारा अफसरों के घेराव किया जाता था।

दुर्गMar 11, 2019 / 10:08 pm

Naresh Verma

patrika

सरकार बदलते ही बदली निगम की तस्वीर, पहली बार सत्ताधारियों ने घेरा निगम कमिश्नर को,बोले मंजूरी के लिए सीधे शासन को भेजें बजट

दुर्ग . प्रदेश में सरकार बदलने के बाद अब नगर निगम की राजनीतिक तस्वीर भी बदली हुई नजर आ रही है। पक्ष और विपक्ष की भूमिका भी अप्रत्यक्ष तौर पर बदल गई है। अब तक शिकवे-शिकायतों पर विपक्षियों द्वारा अफसरों के घेराव किया जाता था। सोमवार को पहली बार सत्ताधारी दल के पार्षदों ने निगम कमिश्नर सुनील अग्रहरि का घेराव किया। वजह थी सामान्य सभा में लंबी चर्चाऔर आचार संहिता के कारण बजट स्वीकृत नहीं हो पाना। इस दौरान पार्षदों ने विपक्ष पर बेवजह वाद-विवाद कर बजट अटकाने का आरोप लगाते हुए स्वीकृति के लिए सीधे शासन को भेजने की मांग की।
बोले बजट मंजूर न होने से प्रभावित होंगे विकास कार्य
लोककर्म प्रभारी दिनेश देवांगन के नेतृत्व में पहुंचे दर्जनभर भाजपा पार्षदों का आरोप था कि बजट स्वीकृत नहीं होने से विकास कार्य प्रभावित होंगे। इसलिए नगर निगम अधिनियम की धारा ९८ के प्रावधानों के तहत अधिकारों का उपयोग करते हुए एमआइसी से स्वीकृत बजट को सीधे राज्य शासन को स्वीकृति के लिए भेजा जाए। पार्षदों ने कहा कि चुनाव आचार संहिता के लिए ढाई से तीन महीनें इंतजार करने व इसके बाद सामान्य सभा की स्थिति में पार्षदों के पास काम पूरा कराने समय नहीं बचेगा। घेराव करने वालों में एमआइसी मेंबर शिवेन्द्र परिहार, गायत्री साहू,सोहन जैन, मनोज चंद्राकर, अलका बाघमार, सविता साहू शामिल थे।
स्थगित बजट बैठक शुरू होने से पहले लग गया आचार संहिता
लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता की संभावना को देखते हुए इस बार बजट स्वीकृति के लिए सामान्य सभा की बैठक करीब एक माह पहले बुलाई गई थी। बैठक के लिए बजट के साथ कुल 6 एजेंडे रखे गए थे, लेकिन सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच वाद-विवाद के चलते 3 दिन तक करीब 16 घंटे चली बैठक में केवल 4 एजेंडों पर चर्चा हो पाई। बजट पर चर्चा अधूरी रह गई।
विकास और धारा 98 का दिया हवाला
भाजपा पार्षदों ने विकास कार्य प्रभावित होने और नगर निगम अधिनियम की धारा 98 का हवाला देकर बजट स्वीकृति के लिए सीधे शासन को भेजने की मांग उठाई। उनका कहना था कि धारा 98 में वाद-विवाद अथवा असहमति की स्थिति में एमआइसी से पारित बजट को सीधे शासन से स्वीकृति का प्रावधान है।
सभापति की भूमिका पर भी उठाए सवाल
भाजपा पार्षदों ने सामान्य सभा के संचालन में निगम सभापति राजकुमार नारायणी की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। पार्षदों ने कहा कि नियम विरूद्ध एजेंडों पर ज्यादा समय तक चर्चा कराने व विषयों पर ध्यान नहीं देने के कारण 3 दिन में 16 घंटे से भी ज्यादा समय लेने के बाद भी बजट पर पूरी चर्चा नहीं हो पाई।
अप्रारंभ कार्यों पर भी फूटा गुस्सा
पार्षदों ने अप्रारंभ कार्यों को लेकर सदन में दी गई जानकारी पर निगम कमिश्नर को घेरा। चर्चा के दौरान मंत्री के फोन केहवाले से कमिश्नर ने 16 करोड़ के अप्रारंभ कार्यों के अनुमोदन की जानकारी सदन में दी थी। पार्षदों ने राशि निगम के खाते में नहीं आने का हवाला देकर निगम कमिश्नर की भूमिका पर सवाल खड़े किए।
वाट्सएप ग्रुप में बाहरी लोग
पार्षदों ने निगम के वाट्सएप ग्रुप में बाहरी लोगों को शामिल किए जाने पर भी निगम कमिश्नर से सामने आपत्ति दर्ज कराई। उनका कहना था कि ग्रुप में शामिल बाहरी लोग अनर्गल राजनीतिक जानकारियां पोस्ट कर रहे हैं। इससे निगम की छवि धूमिल हो रही है। कमिश्नर ने तत्काल ऐसे लोगों को हटाने का भरोसा दिलाया।

Home / Durg / सरकार बदलते ही बदली निगम की तस्वीर, पहली बार सत्ताधारियों ने घेरा निगम कमिश्नर को,बोले मंजूरी के लिए सीधे शासन को भेजें बजट

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो