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दुर्ग

आइएचएसडीपी आवास घोटाला – पहले करोड़ों का घालमेल, अब निलंबन और बहाली का खेल

नगर निगम में उरला के आइएचएसडीपी आवासों के प्रीमियम व किराए की राशि में गोलमाल के बाद अब घालमेल के आरोपी कर्मियों के निलंबन और बहाली का खेल शुरू हो गया है।

दुर्गJul 14, 2019 / 01:52 pm

Hemant Kapoor

दुर्ग. नगर निगम में उरला के आइएचएसडीपी आवासों के प्रीमियम व किराए की राशि में गोलमाल के बाद अब घालमेल के आरोपी कर्मियों के निलंबन और बहाली का खेल शुरू हो गया है। अफसरों ने निलंबित कर्मियों की पहले पिछले दरवाजे से बहाली कर दी, बाद में एमआइसी की बैठक भंडा फूटा तो फिर से निलंबन का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए अफसरों की दो सदस्यीय टीम बनाने का भी फैसला किया गया है। हालांकि दो दिन बाद भी इस दिशा में कार्रवाई शुरू नहीं हुई है।

पुलिस के बहाने बचने की जुगत
आवासों की राशि में घालमेल के मामले में सहायक राजस्व निरीक्षक संजय मिश्रा व सहायक ग्रेड तीन मंदाकिनी वर्मा के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने पुलगांव पुलिस को पत्र लिखा गया। अफसर इसी पत्र का हवाला देकर बचने की कोशिश कर रहे है। अफसरों का कहना है कि पुलिस ने मामला अहस्तक्षेप योग्य बताया है, इसलिए कर्मियों को बहाल किया गया है।

गड़बड़ी पर घिरे तब बोले निलंबित
एमआइसी में सदस्यों ने मामले में आर्थिक अनियमितता की भरपाई को लेकर सवाल उठाया। सदस्यों का कहना था कि पुलिस के अहस्तक्षेप बताए जाने से दोषियों ने गड़बड़ी नहीं की यह प्रमाणित नहीं होता। इस सवाल पर घिरे आयुक्त सुनील अग्रहरि ने कर्मियों को पूर्ववत निलंबित रखने का एलान किया।

चल-अचल संपत्ति की होगी जांच
सदस्यों ने दोषी कर्मचारियों के चल-अचल संपत्तियों की जांच की मांग उठाई। सदस्यों का कहना था कि दोषी कर्मियों का रहन-सहन पिछले कुछ सालों में बेहद बदला है। ऐसे में आर्थिक स्रोत की जांच कराई जानी चाहिए। सदस्य इससे पहले भी चल-अचल संपत्तियों की जांच की मांग उठा चुके हैं, लेकिन अफसर गोलमोल करते रहे हैं।

फिर खुलेंगी फाइलें, नए सिरे से जांच
मामले की जांच के लिए अफसरों की दो सदस्यीय टीम बनाने का फैसला किया गया है। टीम की अगुवाई इंजीनियर जगदीश केशरवानी करेंगे। उनके साथ इंजीनियर आरके जैन को सहायक अधिकारी बनाया गया है। अफसरों को आवासों की स्थिति और संबंधित फाइलों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा गया है।
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