पहले इस तरह की गड़बड़ी
खनिज विभाग द्वारा पोटिया के खसरा नंबर 1440 कुल रकबा 4.53 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्मित पैठू तालाब से 1000 घन मीटर मुरुम के परिवहन की अनुमति दी थी। खास बात यह है कि जो जिस जगह मुरुम का भंडारण बताकर अनुमति दी गई है, वह पानी का क्षेत्र हैं। इस अनुमति की आड़ में पैठू तालाब का बंड उखाड़ लिया गया। शिकायत पर इसके मामूली हिस्से को अवैध उत्खनन बताकर जुर्माना लगाकर खानापूर्ति कर ली गई।
अब इस तरह लीपापोती
पोटिया के तालाब से मुरुम परिवहन की अनुमति की आड़ में न सिर्फ बंड उखाड़ लिया गया, बल्कि इसकी आड़ में आश्रित ग्राम सेवती के पांडेय बाड़ी के पीछे सैकड़ों ट्रक मुरुम खनन कर लिया गया। ग्रामीणों की शिकायत पर पहुंचे अफसरों ने केवल पोटिया तालाब का निरीक्षण किया। वहीं ग्रामीणों की सूचना के बाद भी पांडेय बाड़ी के पीछे खनन स्थल पर जाना जरूरी नहीं समझा।
परिवहन की अनुमति में भी पेंच
खनिज विभाग द्वारा मुरुम कारोबारी को 1 जून से 30 जून तक केवल एक महीनें के लिए परिवहन की अनुमति दी गई है। खास बात यह है कि इस अनुमति के लिए मौजूदा पंचायत बॉडी की अनुशंसा तक नहीं ली गई है। ग्रामीणों की मानें तो पूर्व पंचायत बाड़ी की अनुशंसा के आधार पर मुरुम परिवहन की अनुमति जारी कर दिया गया है।
अवधि खत्म फिर भी खुदाई
मुरुम कारोबारी को खनिज विभाग द्वारा परिवहन के लिए जारी अनुमति की अवधि 30 जुलाई को खत्म हो गया है, लेकिन इसके बाद भी पिछले दो दिनों से सेवती के पांडेय बाड़ी के पीछे सरकारी जमीन पर खुदाई जारी है। गुरुवार को ग्रामीणों के साथ कांग्रेस नेताओं ने इसकी कलेक्टर के समक्ष शिकायत भी दर्ज कराई।