– पढ़ाई करते वक्त चेहरा पूर्व एवं उत्तर की दिशा में होना चाहिए
– हमेशा अपने ईष्ट, परमात्मा का स्मरण कर पढ़ाई प्रारंभ करें।
– ध्यान की मुद्रा में जो भी विषय हमें अध्यन करना है उसका मन में स्मरण करना चाहिए।
– उल्टा हाथ नीचे एवं सीधा हाथ ऊपर कर अध्ययन करें।
– नवकार महामंत्र का स्मरण करना चाहिए।
– हमेशा आसन बिछाकर पढ़ाई करने बैंठे।
– अपने अध्यन की पुस्तकों को नीचे जमीन पर नहीं रखें।
– बड़ों को प्रणाम कर अध्यन प्रारंभ करें।
– खाते वक्त पढ़ाई ना करें पढ़ाई करते वक्त खाना नहीं खाएं।
– टीवी मोबाइल के सामने बैठकर पढ़ाई नहीं करना चाहिए।
– खिड़की के सामने बैठकर पढ़ाई नहीं करें।
– जैन समाज के बच्चों को भक्तांबर की छठवीं गाथा सुनकर पढ़ाई प्रारंभ करनी चाहिए।
– शांत वातावरण में खाली जगह पर बैठकर पढ़ाई करना चाहिए।
– जब पढऩे में मन ना लगे तो उतराअध्यन का 11 श्लोक पढऩा चाहिए।
– मां का हाथ सिर पर रखकर 3 बार मंगल पाठ का श्रवण करना चाहिए।
– काले वस्त्र पहनकर पढ़ाई नहीं करना चाहिए।
– परीक्षा देते देने जाते समय घर से निकले तो घी गुड़ खाकर निकले।
– अपनी कोई इच्छा हो तो इच्छा कारेणम की स्तुति करना विद्यार्थियों के लिए लाभ प्रद होता है।।