इधर पूछताछ में लूटेरों ने लूट की 7 वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया। हालांकि पुलिस ने इसका खुलासा नहीं किया है। सुपेला निवासी वारदात का मास्टर माइंट देवी प्रसाद बसोर और उसके पुत्र मनीष बसोर ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सरगना महेश वर्मा से शुटर बुलवाकर वारदात को अंजाम दिया था।
पुलिस ने बताया कि देवी प्रसाद कहां और कब वारदात करनी है, उसकी पूरी रेकी कर तैयारी कर लेता था। इसके बाद महेश वर्मा को फोन कर जानकारी देता था। फिर महेश शूटरों को सारनाथ एक्सप्रेस से भेजता था। स्टेशन से उन्हें देवी प्रसाद लेकर लूट के मिशन में जुट जाता था। वारदात को अंजाम देकर उसी दिन शूटर सवारी वाहन से भाग जाते थे।
पुलिस ने बताया कि देवी प्रसाद वारदात को अंजाम देने के बाद शूटरों को अपने घर ले जाता था। लूट में मिली रकम को गिनते नहीं थे। देवी प्रसाद मुट्ठी से जितने हाथ में आता था। शूटरों को देकर शहर से रातोंरात रवाना कर देता था।
इस बार तीन शुटरों को ढाई लाख रुपए दिए थे। आईजी हिमांशु गुप्ता ने बताया कि लूट के दौरान एक व्यक्ति ने साहस का परिचय देते हुए घटना का वीडियो बनाया, जो पुलिस की विवेचना में काफी मददगार साबित हुआ। युवक के इस बहादुरी के लिए दस हजार रुपए नकद देकर सम्मानित किया।