कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरा देश लॉक डाउन है। खतरा अभी टला नहीं है। वायरस न फैले इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। एहतियात के तौर पर संभावित मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने की मियाद बढ़ा दी गई है। कोराना के दायरे में आने वालों को अब 14 की जगह 28 दिनों का होम आइसोलेशन में रखा जाएगा। कोरोना से बचाव को लेकर हर दूसरे दिन रणनीति तय हो रही है। कई कड़े फैसले भी लिए जा रहे हैं। यह सतर्कता बरती जा रही है कि इसमें किसी तरह की चूक न हो। छत्तीसगढ़ शासन के दिशा निर्देश के बाद अब होम आइसोलेशन में रहने वाले संभावितों को 14 की जगह 28 दिनों तक रखा जाएगा।
जिले के कोराना पॉजिटिव मरीजों को एम्स रायपुर में नहीं बल्कि यहीं रखकर इलाज किया जाएगा। एक ही छत के नीचे सारी सुविधाओं का इंतजाम किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज में 250 बिस्तर को आरक्षित किया गया है। यहां पर नियमित रूप से अब जिला अस्पताल के आधे कर्मचारियों को शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी देना होगा। सिविल सर्जन डॉ. पी बाल किशोर ने बताया कि अभी जिला अस्पताल में केवल केजुअल्टी को चालू रखा गया है। इसलिए जिला अस्पताल में दबाव कम है। इसी कारण कर्मचारियों को दो हिस्सों में बांटा जाएगा।
कलेक्टर अंकित आंनद ने शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की बैठक ली। आमतौर पर कोरोना वायरस को लेकर चिकित्सक भी भयग्रस्त है। मेडिकल ऑफिसर का कहना है कि प्रशिक्षित डॉक्टर ही सेवाएं देंगे। अन्य डॉक्टर सामान्य सर्दी खांसी बुखार पीडि़त वालों को चेक कर दवा देने में संकोच कर रहे है। इस समस्या को देखते हुए कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और डॉक्टरों को कहा है कि आपात ड्यूटी हर कर्मचारी व अधिकारी को करना होगा। राज्य शासन ने एस्मा लगा दिया है। ड्यूटी में लापरवाही करने पर सीधे एफआईआर दर्ज किया जाएगा।
संभावितों का सैंपल लेना है या नहीं इसे लेकर चिकित्सक भ्रमित हो रहे हैं। इसे देखते हुए राज्य शासन ने नया निर्णय लिया है। अब इसके तहत ओपीडी आए मरीजों का नाम व मरीजों की स्थिति को तत्काल ओपीडी के डॉक्टर को नोडल अधिकारी धर्मेन्द्र गवई व डायरेक्टर डॉ. नरीज बसोड़ के वाट्सऐप पर भेजनी होगी। दोनों अधिकारी मरीज की केस हिस्ट्री देखने के बाद निर्णय लेंगे के उस मरीज का सैंपल लेना है यहा नहीं। इसके बाद ही स्थानीय डॉक्टर सैंपल कलेक्ट कर उसे एम्स रायपुर भेजेंगे। इस तरह की व्यवस्था की गई है।
कोरोना को देखते हुए जिला अस्पताल प्रशासन ने अलग अस्थाई ओपीडी बनाया है। जहां काउंसलिंग से लेकर जांच व सैंपल कलेक्ट करने की सुविधा है। 24 मार्च से चलने वाले इस ओपीडी में हर रोज 50 से अधिक लोग पहुंच रहे है। शनिवार को सर्वाधिक 70 संभावित पहुंचे और शंकाओं को दूर किया। सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि शनिवार की देर शाम सीएम भूपेश बघेल की वीडियो कांफ्रेसिंग हुई। जिसमें मौजूदा स्थिति को देखते हुए होम आइसोलेशन को 14 दिन की जगह 28 दिन करने का निर्णय लिया गया है। आज से हम संभावितों को 28 दिन के होम आइसोलेशन पर रखेंंगे।
फस्र्ट स्टेज की संभावना वाले -342
पहचान हुई-317
होम आईसोलेशन में-193
एसआर हॉस्पीटल के आइसोलेशन में-36
28 दिनों की आईसोलेशन पूर्ण-47
सैंपल लिया-69
निगेटिव-41, पॉजिटिव-01
रिपोर्टआना शेष-27