भाजपाईयों ने राज्य सरकार के निर्णय को मतदाताओं का अधिकार छिनने वाला कदम बताते हुए अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव में खरीद फरोख्त व जोड़तोड़ की राजनीति को राज्य सरकार द्वारा बढ़ावा देने का आरोप लगाया। राज्य सरकार के इस निर्णय के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया गया। बाद मेंं कार्यकर्ता रैली की शक्ल में जिला कार्यालय पहुंचे और राज्यपाल के नाम कलक्टर अंकित आनंद को ज्ञापन सौंपा। इसके पहले सभा को जिला भाजपा अध्यक्ष उषा टावरी, महापौर चंद्रिका चंद्राकर, जिला भाजयुमों अध्यक्ष दिनेश देवांगन, मीडिया प्रभारी संतोष सोनी, रजा खोखर ने संबोधित किया और महापौर व अध्यक्ष पद के चुनाव को अप्रत्यक्ष प्रणाली से करवाए जाने को औचित्यहीन बताया।
भाजपाइयों ने कहा कि राज्य सरकार नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भयग्रस्त है। इसलिए किसी भी प्रकार से महापौर व अध्यक्ष पद का चुनाव जीतना चाहती है। जिसके चलते राज्य सरकार ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव करवाए जाने का फैसला लिया है।
कार्यकर्ताओं ने भाषण में कहा कि इस प्रणाली से मतदाता अपने अधिकार से वंचित तो होंगे ही साथ ही चुनाव में धन बल हावी होगा। उल्टे रास्ते से राज्य सरकार इन चुनावों में अपना आदमी बैठाना चाहती है।