बैठक में सचिव ने पाटन ब्लाक में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि यहां हितग्राहियों को एक करोड़ बारह लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। लगभग चौदह सौ वर्मी टैंक तैयार किए गए हैं और 602 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट इनके माध्यम से तैयार हुआ है। सचिव ने कहा कि गौठानों को ग्रामीण आजीविका केंद्र के रूप में विकसित करना है।
परदेसी पाटन के आईटीआई भी पहुंचे। वहां उन्होंने इलेक्ट्रिकल और फीटर ट्रेड के छात्र-छात्राओं से बातचीत की। उन्होंने यहां प्रबंधन से प्लेसमेंट की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने चंदूलाल चंद्राकर महाविद्यालय में रिक्त पदों के बारे में भी पूछा और कहा कि जल्द ही इनमें नियुक्तियाां होंगी। वे पाटन स्थित इंग्लिश मीडियम स्कूल भी पहुंचे और यहाँ निर्माणाधीन कार्य देखा।
सचिव ने नरवा योजना की विशेष रूप से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए ग्रामीणों से फीडबैक जरूर प्राप्त करें क्योंकि वे परंपरागत रूप से नाले की शाखाओं के बारे में परिचित रहते हैं। अधिकारियों ने बताया कि अभी नौ नालों पर काम चल रहा है। सिल्ट हटा दी गई है। गजरा नाला जहां 20 साल पहले वाटर रिचार्जिंग को लेकर अहम कार्य हुआ था। उसे भी दुरुस्त किया जाएगा।