scriptVideo: भूख हड़ताल देख भाजपा की बहुमत वाली समिति ने कहा शिक्षाकर्मियों की बर्खास्तगी का नहीं, संविलियन का प्रस्ताव लाएं | Sikshakarmi strike in Durg | Patrika News
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Video: भूख हड़ताल देख भाजपा की बहुमत वाली समिति ने कहा शिक्षाकर्मियों की बर्खास्तगी का नहीं, संविलियन का प्रस्ताव लाएं

शिक्षाकर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी का प्रस्ताव जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में पेश होने से पहले ही खारिज हो गया।

दुर्गNov 30, 2017 / 10:04 am

Dakshi Sahu

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दुर्ग . संविलियन की मांग को लेकर आंदोलन करने वाले शिक्षाकर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी का प्रस्ताव जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में पेश होने से पहले ही खारिज हो गया। सदस्यों ने बर्खास्तगी के प्रस्ताव का जमकर विरोध किया। जिसके कारण यह प्रस्ताव पेश ही नहीं किया गया। बैठक में शिक्षाकर्मियों के संविलियन का प्रस्ताव लाकर उसे मंजूर करने का मांग उठी।
जिसे लेकर अधिकारियों के साथ दो सदस्यों की नोंकझोंक भी हुई। जिला पंचायत सीईओ ने यह बोलकर इसे खारिज कर दिया कि यह एजेंडे में नहीं है। इसलिए इस पर चर्चा नहीं होगी। शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति के मामले पर चर्चा हुई पर यह भी टल गया। आखिर में शिक्षाकर्मियों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई को बैठक में सूचनार्था रखा गया।
6 सदस्यों में 4 भाजपा के
सात सदस्यीय समिति में अब 6 सदस्य हैं। एक सदस्य संतोष साहू का निधन हो चुका है। छह सदस्यों में अध्यक्ष माया बेलचंदन, उपाध्यक्ष थानूराम साहू, मुकेश बेलचंदन और अमिता बंजारे भाजपा के है। दिगंवत संतोष भी भाजपा सदस्य थे। दो सदस्य राकेश ठाकुर जोगी कांग्रेस और जयश्री वर्मा कांग्रेस के हैं। इस तर समिति में भाजपा के सदस्यों की बहुमत है। जिला पंचायत के अन्य समितियों के सभापति इस समिति के सदस्य होते हैं।
अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बोले, हम शासन के साथ
समिति की बैठक बुधवार को दोपहर एक बजे समिति की सभापति व जिला पंचायत अध्यक्ष माया बेलचंदन की अध्यक्षता में हुई। बैठक घंटे भर चली। बैठक में आंदोलनकारी शिक्षाकर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई के संबंध में सदस्यों ने कहा कि यह प्रस्ताव नहीं लाया जाना चाहिए। वे इसमें हस्ताक्षर नहीं करेंगे। अध्यक्ष माया बेलचंदन और उपाध्याक्ष थानूराम साहू ने कहा कि वे शासन के साथ हैं। शासन जो निर्णय लेगा वह उन्हें मान्य होगा। बैठक में देर से पहुंचे भाजपा के एक अन्य सदस्य मुकेश बेलचंदन ने भी बर्खास्तगी का विरोध किया।
पदोन्नति पर टला सीधी भर्ती का अनुमोदन
शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति पर भी चर्चा हुई। सीईओ के पदोन्नति से इनकार करने पर राकेश ठाकुर और जयश्री वर्मा ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि पदोन्नति होनी चाहिए, पर बात नहीं बनी और यह विषय भी टल गया। बैठक में व्यापमं द्वारा सीधी भर्ती कि ए के लिए ३१ पदों का अनुमोदन किया गया। बैठक में सीईओ खुटे ने मंगलवार को आंदोलन करने वाले शिक्षाकमिर्यो के खिलाफ की कार्रवाई की जानकारी दी। बुधवार को १८ शिक्षाकर्मी स्कूल लौट गए। इस तरह अब तक २६८ शिक्षार्मियों ने काम पर लौटने की विधिवत जानकारी दी है।
आंदोलन करने वाले शिक्षाकर्मियों में दो को बर्खास्त करने और तबादले के तहत आए १५ शिक्षाकॢमयों को वापस भेजने नोटिस जारी करते हुए तीन दिन का समय दिया गया है। शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग को लेकर शिक्षाकर्मी हड़ताल पर है। हड़ातल के १० वें दिन बुधवार शिक्षाकर्मियों ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी। मानस भवन के पास पंडाल में दस महिला व पुरुष शिक्षाकर्मी क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे। पहले दिन सविता जगदल्ले, आशा रामटेके, उषा ठाकुर, चम्पा नायक, पुष्पाजंली देशमुख, स्वाति बेलचंदन, चंद्रहास देवांगन, मिलेश्वर देशमुख, हेमंत बेहरा, भुनेश्वर गर्ग, हुकुम दास साहू, सीमा वर्मा भूख हड़ताल पर बैठे रहे।
बैठक शुरू हुई तो बर्खास्तगी के प्रस्ताव लाने पर चर्चा हुई। जिसे पर कोई सहमत नहीं हुए। जोगी कांग्रेस के राकेश ठाकुर और कांग्रेस की जयश्री वर्मा ने शिक्षाकर्मियों के संविलियन का प्रस्ताव लाने की मांग की। जिला पंचायत सीईओ खुंटे ने कहा कि यह शासन स्तर का मामला है। इस पर राकेश और जयश्री के साथ उनकी नोंकझोंक भी हुई। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन समिति शिक्षाकर्मियों की नियोक्ता है तो समिति को उनके संविलियन का प्रस्ताव पास करने का भी अधिकार है। आखिर जिला पंचायत से ही उनका वेतन जारी होता है।
छमाही परीक्षा कल से
दो बार स्थगित हो चुकी पहली से आठवीं तक की छमाही परीक्षा अब 1 दिसंबर से शुरू होगी। शिक्षा विभाग ने बुधवार को इसकी पूरी तैयारी कर ली है। नोडल प्राचार्यो की बैठक में डीईओ आशुतोष चावरे ने बीएड प्रशिक्षार्थी, नियमित शिक्षकों सहित छात्रों, गांव के युवाओं और निजी स्कूलों के शिक्षकों के सहयोग से परीक्षा लेने कहा है। उन्होंने कहा कि अब अगर परीक्षा को टालते हैं तो बच्चों का नुकसान होगा। क्योंकि परीक्षा के बाद आगे का कोर्स भी समय पर पूरा करना पड़ेगा।
3०० से ज्यादा लौट चुके
डीईओ आशुतोष चावरे ने बताया कि जिले में करीब साढ़े तीन सौ शिक्षाकर्मी लौट चुके हैं। वहीं स्कूलों में बीएड के स्टूडेंट्स भी पढ़ाने जा रहे हैं। ऐसे में नियमित शिक्षकों को स्कूल का प्रभारी बनाया गया है और हायर सेकंडरी स्कूलों की मदद परीक्षा ली जाएगी। इसमें पर्यवेक्षक के रूप में गांव के शिक्षित युवा, पालक और 9 वीं से 12 वीं के छात्र भी मदद करेंगे। रही बात पेपर चेक करने की बात तो वह भी आसानी से हो जाएगा। बांटे प्रश्न पत्र शिक्षा विभाग ने सभी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के प्रधान पाठकों को छमाही परीक्षा के प्रश्न पत्र बांट दिए हैं। ताकि शुक्रवार को परीक्षा के दौरान कोई दिक्कत न आए।
आंदोलन को समर्थन
जिला पंचायत सदस्य मुकेश बेलचंदन ने पंडाल पर जाकर शिक्षाकर्मियों से अनुरोध किया कि सरकार के साथ बातकर कोई हल निकालें। उन्होंने कहा वे उनकी मागों से सैंद्धांतिक रूप से सहमत ईं। स्कूल के बच्चों की पढ़ाई चौपट हो रही है। इसलिए कोई रास्ता निकलेन के लिए हठ छोड़कर चर्चा करना चाहिए। जोगी कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री प्रताप मध्यानी और पूर्व पार्षद दीपा मध्यानी ने आंदोलन स्थल पर जाकर शिक्षाकर्मियों की मांगो का समर्थन किया। मध्यानी ने कहा कि मांग जायज है। सरकरा वादा कर मुकर रही है। उन्होंने उनके संघर्ष में साथ रहने की बात कही। सभापति सामान्य प्रशासन समिति व अध्यक्ष जिला पंचायत ने बताया कि माया बेलचंदन ने बताया कि शिक्षाकर्मियों क आंदोलन के मामले में शासन हल निकलेगा।
सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में अब तक शिक्षाकर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को सदन में सूचनार्थ रखा गया। साथ ही 31 पदों पर सीधी भर्ती के लिए अनुमोदन किया गया। सदस्य सामान्य प्रशासन समिति राकेश ठाकुर ने बताया बैठक के शुरू में ही हमने बर्खास्तगी का प्रस्ताव लाने का विरोध किया। हमने शिक्षाकर्मियों को संविलियन के लिए प्रस्ताव लाने की मांग गी। सदस्य सामान्य प्रशासन समिति मुकेश बेलचंदन ने बताया कि बैठक में देर से पहुंचा। बर्खास्तगी के प्रस्ताव का मैंने विरोध किया। कैसै हजारों शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त किया जा सकता है। इससे शिक्षा व्यस्था पटरी पर आ जाएगी क्या। यह व्यवहारिक ही नहीं है। इस पर सरकार ही उचित फैसला करेगी।
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