मरने से पहले मधुलता वर्मा ने पुलिस को रोंगटे खड़े कर देने वाले बयान दिया। उसने पुलिस को बताया कि बेटा सूर्यकांत की पत्नी उसे छोड़ कर चली गई। तीन साल की उसकी बेटी है। जिसका हम लोग लालन-पालन कर रहे हैं। सूर्यकांत नशेड़ी हो गया है। रायपुर जाता है तो नशा करके घर लौटता है। सोमवार दोपहर में घर पहुंचा। उसकी हालत को देखकर कहा कि बेटा नशा छोड़ दे और काम काज में लग जा। यह अच्छी बात नहीं है। इतने में वह बहन रेणुका को कमरे में बंद कर दिया और बाहर से सिटकनी लगा दी। इसके बाद मिट्टी तेल लाया और अपनी मां के ऊपर उड़ेल दिया। फिर जेब से माचिस निकाला और आग लगा दी। जान बचाकर मैं पानी की तरफ भागी। टंकी के पानी से बुझाया, लेकिन तब तक काफी जल चुकी थी।
कृष्णा ने बताया कि नशा उनके परिवार की तबाही का कारण बन गया। जब बेटा कपूत बन जाए, उसका खामियाजा परिजनों को भुगतना पड़ता है। माइनिंग विभाग में गार्ड की नौकरी करता हूं। एक बेटा और एक बेटी है। बेटा सूर्यकांत नशे में अक्सर लड़ाई करता है। कई बार उसे समझाने का प्रयास किया। लेकिन ऐसा कर देगा इसका अंदाजा नहीं था। पत्नी मधुलता ने घर को संभाल रखा था। इतना बोलकर फफक पड़ा। कृष्णा ने ही अपनी पत्नी को मुखाग्नि दी।