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निगम के नोटिस के बाद आत्महत्या, भाजपाइयों ने घेरा कलेक्टोरेट, पीडि़त परिवार के लिए अनुकंपा नियुक्ति और मुआवजा की मांग

। भाजपा नेताओं का कहना था कि निगम प्रशासन के नियम विरूद्ध बेदखली की नोटिस के बाद सफाई कर्मी ने आत्मघाती कदम उठाया। इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किया जाना चाहिए।

दुर्गSep 28, 2021 / 01:15 pm

Dakshi Sahu

निगम की नोटिस के बाद आत्महत्या, भाजपाइयों ने घेरा कलेक्टोरेट, पीडि़त परिवार के लिए अनुकंपा नियुक्ति और मुआवजा की मांग

निगम की नोटिस के बाद आत्महत्या, भाजपाइयों ने घेरा कलेक्टोरेट, पीडि़त परिवार के लिए अनुकंपा नियुक्ति और मुआवजा की मांग

दुर्ग. सिद्धार्थ नगर के सफाई कर्मी के आत्महत्या के मामले में यहां भाजपा नेताओं का गुस्सा जमकर फूटा। भाजपा नेता घटना के लिए निगम प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए मोर्चा निकाला और कलेक्टोरेट का घेराव किया। भाजपा नेताओं का कहना था कि निगम प्रशासन के नियम विरूद्ध बेदखली की नोटिस के बाद सफाई कर्मी ने आत्मघाती कदम उठाया। इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किया जाना चाहिए। भाजपा नेताओं ने पीडि़त परिवार के लिए अनुकंपा नियुक्ति और पांच लाख रुपए की तात्कालिक मुआवजे की भी मांग रखी।
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निगम ने दिया था मकान खाली करने का नोटिस
वार्ड 31 के सिद्धार्थ नगर में रह रहे 7 सफाई कर्मियों को निगम प्रशासन द्वारा नोटिस जारी किया गया है। जिसमें जिस जमीन पर उनका मकान है, उसे विपणन समिति का होने का दावा करते हुए तीन दिन के भीतर कब्जा हटाने हटा लेने कहा गया था। खुद कब्जा नहीं छोडऩे की स्थिति में बेदखली की चेतावनी निगम प्रशासन द्वारा दी गई थी। कथित तौर पर इसके बाद नोटिस से व्यथित निगम कर्मी बिनेश गुजरिया ने आत्महत्या कर ली। भाजपा नेता और मृतक के परिजन निगम प्रशासन की नोटिस और बेदखली की दहशत में सफाई कर्मी द्वारा आत्मघाती कदम उठाए जाने का आरोप लगा रहे हैं। कलेक्टोरेट का घेराव करने वालों में भाजपा प्रदेश मंत्री उषा टावरी, पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर,नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा, शिव चंद्राकर, जिला महामंत्री ललित चंद्राकर, नटवर ताम्रकार, उपाध्यक्ष कांतिलाल जैन, पूर्व सभापति दिनेश देवांगन, मनोज मिश्रा, मंडल अध्यक्ष चंद्रशेखर चंद्राकर, लुकेश बघेल, जिला भाजयुमो अध्यक्ष नितेश साहू, महिला मोर्चा अध्यक्ष उपासना चंद्राकर, आईटी सेल संयोजक राजा महोबिया, अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष संतोष कोसरे कैलाश डग्गर, अल्का बाघमार शामिल थे।
भाजपा नेताओं का यह दावा
जिन्हें नोटिस जारी किया गया है वे सभी सफाई कर्मी सिद्धार्थ नगर में वर्षों से काबिज हैं। उन्हें 1984 मे स्थाई पट्टा मिला हुआ था। जिसे 2019 में 30 वर्षों के लिए नवीनीकरण किया गया है। उक्त जगह को नगर निगम द्वारा सहकारी विपणन मर्यादित समिति का बता रहा है। पचास वर्ष से अधिक से काबिज लोगों को अचानक 3 दिन में मकान तोडऩे का नोटिस देना प्रशासन व निगम में काबिज सत्ताधारी दल के पूर्वग्रह को दर्शाता है।
भाजपा नेताओं की यह मांग
कलेक्टोरेट के घेराव के बाद भाजपा नेताओं ने कलेक्टर को मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में भाजपा नेताओं ने निगम के नोटिस को नियम विरूद्ध करार देते हुए जांच व मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके अलावा पीडि़त परिवार के एक व्यक्ति को तत्काल अनुकंपा नियुक्ति और तात्कालिक तौर पर पांच लाख रुपए मुआवजा दिलाने की मांग की। भाजपा नेताओं के मुताबिक कलेक्टर ने उचित पहल का भरोसा दिलाया है।

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