शव को बगीचा के रखवार भगऊराम दिल्लीवार ने देखा और इसकी सूचना गांव के कोटवार संतोष दास मानिकपुरी को दी। मृतक 9 वीं का छात्र था। अंडा थाना प्रभारी ने बताया कि मृतक 20 मार्च को अपने घर से बिना कुछ बताए निकला था। उसी दिन उसने गांव के मोबाइल दुकान से एक मोबाइल को अपने पास रख लिया था।
मोबाइल से वाट्सऐप में अपना फोटो उस मोबाइल दुकान वाले के एक परिचित को भेजा। जिससे यह पता चला कि मोबाइल मृतक यशवंत के पास है। बाद में दुकान वाले ने मृतक के पिता को इसके बारे में जानकारी दी। तब मृतक के पिता ने उसे डांटा।
पिता की डांट से नाराज होकर वह फिर घर से निकल गया। फिर घर नहीं लौटा। उसका शव बगीचा में पेड़ पर लटका मिला। शव काला पड़ गया था। मृतक के दो भाई प्रेमनारायण और उत्तम साहू है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रायपुभेजा है।
मोबाइल बना रहा बच्चों को एग्रेसिव
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. शमा हमदानी ने बताया कि किशोर अवस्था में हारमोन्स बदलाव के कारण गुस्सा व चिड़चिड़ाहट बढ़ जाता है। ऐसे में दूसरों का कुछ बोलना टोकना उन्हें और विचलित कर देता है। वे गलत तरह से रियेक्ट करते हैं। मोबाइल भी बच्चों को एग्रेसिव बना रहा है। बच्चों को सही व गलत को दोस्त बनकर समझाना चाहिए और अनुशासित भी रखना चाहिए।