पोटिया में मच चुका है हंगामा
इसी तरह विस्थापन को लेकर पहले भी पोटिया के श्रमिक बस्ती में भी हंगामा मच चुका है। निगम प्रशासन द्वारा यहां लोगों को नोटिस देकर सहमति पत्र भी भरवाना शुरू किया था, लेकिन बाद में लोग जमीन नहीं छोडऩे पर अड़ गए। लोगों का कहना था कि निगम उनके जमीन पर ही मकान बनाकर दें।
इसी तरह विस्थापन को लेकर पहले भी पोटिया के श्रमिक बस्ती में भी हंगामा मच चुका है। निगम प्रशासन द्वारा यहां लोगों को नोटिस देकर सहमति पत्र भी भरवाना शुरू किया था, लेकिन बाद में लोग जमीन नहीं छोडऩे पर अड़ गए। लोगों का कहना था कि निगम उनके जमीन पर ही मकान बनाकर दें।
जोगी नगर में इसलिए विरोध
पोटिया की तरह जोगी नगर के लोग भी अपनी जमीन छोड़कर नए जगह पर विस्थापन के लिए तैयार नहीं हैं। लोगों का कहना है कि वे करीब 35 साल से उक्त जगह पर बसे हैं। जमीन पर नर्सरी लगाकर परिवार चला रहे हैं। विस्थापन से न सिर्फ उनकी जमीन छिन जाएगी बल्कि रोजगार का साधन भी खत्म हो जाएगा।
पोटिया की तरह जोगी नगर के लोग भी अपनी जमीन छोड़कर नए जगह पर विस्थापन के लिए तैयार नहीं हैं। लोगों का कहना है कि वे करीब 35 साल से उक्त जगह पर बसे हैं। जमीन पर नर्सरी लगाकर परिवार चला रहे हैं। विस्थापन से न सिर्फ उनकी जमीन छिन जाएगी बल्कि रोजगार का साधन भी खत्म हो जाएगा।
पहले दी सुविधा अब व्यवस्थापन
महिलाओं ने बताया कि जोगी नगर में जनप्रतिनिधियों के अलावा नगर निगम द्वारा कई विकास कार्य कराए गए हैं। मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट व बिजली कनेक्शन के अलावा भागीरथी नल जल योजना के नल कनेक्शन दिए गए हैं। इसके साथ ही सरकारी योजना के घर-घर शौचालय बनाया गया है। विस्थापन कर इन निर्माणों को तोडऩा उचित नहीं हैं।
महिलाओं ने बताया कि जोगी नगर में जनप्रतिनिधियों के अलावा नगर निगम द्वारा कई विकास कार्य कराए गए हैं। मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट व बिजली कनेक्शन के अलावा भागीरथी नल जल योजना के नल कनेक्शन दिए गए हैं। इसके साथ ही सरकारी योजना के घर-घर शौचालय बनाया गया है। विस्थापन कर इन निर्माणों को तोडऩा उचित नहीं हैं।