scriptWorld cancer Day: स्वास्थ्य मंत्री जी, बढ़ रहे मुंह, स्तन कैंसर और ह्दय रोग के मरीज, सरकारी अस्पतालों में नहीं इलाज की सुविधा | World cancer Day in 2019, Cancer patient increase in Durg Bhilai | Patrika News
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World cancer Day: स्वास्थ्य मंत्री जी, बढ़ रहे मुंह, स्तन कैंसर और ह्दय रोग के मरीज, सरकारी अस्पतालों में नहीं इलाज की सुविधा

जिले में में हर दसवां व्यस्क व्यक्ति ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) से पीडि़त है। उनका ब्लड प्रेशर सामान्य नहीं रहता। इनमें बहुत लोगों को पता ही नहीं रहता कि उनका ब्लड प्रेशर सामान्य नहीं है।

दुर्गFeb 04, 2019 / 10:42 am

Dakshi Sahu

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World cancer Day: स्वास्थ्य मंत्री जी, बढ़ रहे मुंह, स्तन कैंसर और ह्दय रोग के मरीज, सरकारी अस्पतालों में नहीं इलाज की सुविधा

दुर्ग. जिले में में हर दसवां व्यस्क व्यक्ति ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) से पीडि़त है। उनका ब्लड प्रेशर सामान्य नहीं रहता। इनमें बहुत लोगों को पता ही नहीं रहता कि उनका ब्लड प्रेशर सामान्य नहीं है। लगभग इतने ही लोग ब्लड प्रेशर और शुगर दोनों से पीडि़त हैं। इससे भी गंभीर बात यह है हमारे जिले में कैंसर और दिल के मरीज भी बढ़ रहे हैं। हर १०० मरीज में चार ह्दय रोग से पीडि़त है। इस चौंकाने वाली जानकारी का खुलासा स्वास्थ्य विभाग ने ही किया है।
गैर संचारी रोग के तहत स्वास्थ्य विभाग जगह-जगह स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर रहा है। शिविर में ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों को चिन्हित किया जा रहा है। शिविर में कैंसर के लक्षण वाले मरीज भी मिलते हैं। जिले के सरकरी अस्पताल में कैंसर जांच की सुविधा है न इसके मरीजों को लिए वार्ड है। इसलिए लक्षण वाले मरीजों को हायर सेंटर जाने की सलाह दी जाती है।
डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर आनुवांशिक भी हो सकता है। कई बार कैंसर से पीडि़त माता या पिता के जीन बच्चे में भी आ जाते हैं। जिससे बच्चे को भविष्य में कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। किसी गंभीर बीमारी के कारण भी आपको कैंसर हो सकता है। यानी यदि आप किसी गंभीर बीमारी के लिए दवाएं ले रहे हैं तो इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं। कई बार उम्र के बढऩे के साथ भी शरीर में चुस्ती-फुर्ती नहीं रहती और उम्र के पड़ाव पर व्यक्ति बीमार पडऩे लगता है, ऐसे में कई बार कैंसर भी हो जाता है।
मुंह और स्तन कैंसर के लक्षण वाले मरीज शिविर में ज्यादा
डॉक्टरों का कहना है गैर संचारी रोग की जांच शिविर में कैंसर के लक्षण वाले मरीज भी आते हैं। हमारे जिले में दो तरह के कैंसर को रोगी अधिक बढ़ रहे हैं। लोग तंबाखू का खूब सेवन करते हैं। ऐसे लोग मुंह के कैंसर के शिकार हो रहे हैं। खाना खाने में व पानी गुटकने में परेशानी की शिकायत लेकर आने वालों को तत्काल जांच की सलाह दी जाती है। चूंकि हमारे जिले में सरकारी अस्पताल में कैंसर यूनिट ही नहीं है।
डॉक्टरों का कहना है कि हमारे जिले में मुंह के कैंसर के अलावा महिलाओं में स्तन व गर्भाशय का कैंसर बढ़ रहा है। ऐसे मरीजों का इलाज शासन की संजीवनी योजना के तहत करने का प्रावधान है। ऐसे मरीज मिलने पर प्रकरण बनाकर संजीवनी के तहत इलाज के लिए शासन को भेज जाता है।
सही समय पर पता नहीं चला तो बढ़ जाता है जोखिम
डाक्टरों के मुताबिक शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर है। जब ये कोशिकाएं टिश्यू को प्रभावित करती हैं तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। यदि कैंसर का सही समय पर पता ना लगाया गया और उसका उपचार ना ह तो इससे मौत का जोखिम बढ़ सकता है। कैंसर के कई प्रकार हैं या यूं कहें कि कैंसर के सौ से भी अधिक रूप है। जैसे- स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, गले का कैंसर इत्यादि।
प्राथमिक जांच की सुविधा की मांग पर ध्यान नहीं
जिला अस्पताल में कैंसर पीडि़तों के प्राथमिक जांच तक की सुवधिा नहीं है। यह सुविधा उपलब्ध कराने की मांग कई साल से की जा रही है। यह सुविधा नहीं होने के कारण कमजोर तबके को लोगों को परेशान उठानी पड़ती है। उन्हें रायपुर जाना पड़ता है।
जिला अस्पताल में कैंसर जांच की कोई सुविधा नहीं है। हृदय संबंधी बीमारी की जांच के लिए केवल इसीजी की सुविधा है। मामूली तकलीफ होने पर डॉक्टर पहले मरीज का इसीजी करते है। इसीजी सामान्य होने पर उसे भर्ती कर उपचार दिया जाता है। इसीजी रिपोर्ट में हृद्य संबंधी तकलीफ होने पर मरीज को रेफर कर दिया जाता है।
सिविल सर्जन डॉ. केके जैन ने बताया कि यह सच है कि जिले में लगातार कैंसर व हृदय रोगी बढ़ रहे है। कार्डियक स्पेशलिस्ट नहीं होने के कारण हम मरीज को हायर सेंटर रेफर कर देते हैं। हमारे पास दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है। कैंसर के मरीज भी बढ़ रहे हैं पर जिला अस्पताल में इसकी जांच के लिए कोई सुविधा नहीं है। कैंसर जांच के लिए कोई डॉक्टर या यूनिट ही शासन से ही स्वीकृत नहीं हैं।
एक भी कार्डियक स्पेशलिस्ट नहीं है
सबसे अधिक दिक्कत ह्दय रोग से पीडि़तों की है। जानकारी के मुताबिक हर रोज औसतन तीन मरीज इलाज के लिए जिला अस्पताल आते हैं। यहां एक भी कार्डियक स्पेशलिस्ट नहीं है। जिसके कारण उन्हें बैरंग लौटना पड़ता है। क्योंकि अन्य चिकित्सक विशेषज्ञ के पास जाने की सलाह देते हैं। जिला अस्पताल पहले ३५० बिस्तर का था।
18 लाख आबादी में केवल दो एमडी
आमतौर पर हृदय रोगियों को प्राथमिक उपचार देने बतौर विशेषज्ञ एमडी मेडिसीन की अनिवार्य है। वर्ष 2011 की गणना के अनुसार जिले की आबादी 18 लाख है। इस आबादी के लिए जिले में 1 जिला अस्पताल, एक सिविल अस्पताल, 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 127 उपस्वास्थ्य केन्द्र और 100 शहरी सुविधा केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। जिसमें से सिर्फ जिला अस्पताल में ही दो एमडी मेडिसीन है। जिनमें से डॉ. केके जैन सिविल सर्जन होने के कारण प्रशासनिक व्यवस्था में व्यस्त रहते हैं।
आइसीयू के नाम पर एक एसी हाल
जिला अस्पताल में आईसीयू के नाम पर एसी हाल है। जहां कुछ बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। यह वार्ड अधिकारियों के आराम करने की जगह बन कर रहा गया है। मरीज नहीं होने पर यहां आमतौर पर अधिकारी व कर्मचारी लंच करते हैं। जीवनदायनी मानी जानी वाली वेंटीलेटर मशीन भी इस वेटिंग हाल में शो पीस की तरह रखा हुआ है।
कार्डियक यूनिट के लिए मिले 50 लाख हुए लैप्स
तीन वर्ष पहले जिला अस्पताल के आइसीयू को कार्डियक यूनिट बनाने शासन ने 50 लाख की राशि स्वीकृत की थी। इस राशी का उपयोग मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग कार्यालय के माध्यम से खर्च करना था। अधिकारियों द्वारा कार्डियक यूनिट तैयार करने में रुचि नहीं दिखाने पर राशि को शासन ने वापस ले लिया।

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