1.वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कभी भी विषम संख्या यानि तीन, पांच आदि बेजोड़ अंक की मूर्ति या तस्वीर न रखें। इन्हें शास्त्रों में अशुभ माना जाता है। इससे घर में दरिद्रता आती है।
2.घर में हमेशा बजरंगबली की बैठे मुद्रा में तस्वीर या प्रतिमा रखें। क्योंकि हनुमान जी की खड़ी अवस्था उनके रौद्र रूप को दर्शाती है। 3.घर में मां दुर्गा की महज एक मूर्ति या एक ही तस्वीर रखें। क्योंकि देवी मां की एक से ज्यादा मूर्तियां रखना अशुभ माना जाता है। इससे घर से सुख-शांति चली जाती है।
4.पूजा स्थान पर कभी भी मां लक्ष्मी की खड़ी मूर्ति या तस्वीर न रखें। क्योंकि देवी लक्ष्मी को चंचल माना जाता है और उनकी खड़ी प्रतिमा होने से वो तुरंत ही घर से बाहर चली जाएंगी।
5.बहुत से लोग भैरव बाबा को बहुत मानते हैं इसलिए उनकी तस्वीर भी घर में रखते हैं। मगर शास्त्रों के अनुसार ऐसा करना अशुभ होता है। क्योंकि भैरव जी को तंत्र का देवता माना जाता है। जबकि गृहस्थों का उनकी पूजा करना वर्जित होता है।
6.घर में कभी भी राधा-कृष्ण की मूर्ति अलग-अलग न रखें। क्योंकि ऐसा करने से आपको पूजा का फल नहीं मिलेगा। उनकी हमेशा पूजा जोड़े में करें। 7.भगवान कुबेर और मां लक्ष्मी की मूर्ति उत्तर दिशा के अलावा अन्य किसी भी दिशा में न रखें। क्योंकि ऐसा करने से देवी-देवता का सकारात्मक प्रभाव आप पर नहीं पड़ेगा।
8.भगवान शिव के नटराज स्वरूप मूर्ति कभी न रखें। ये भोलेनाथ के रौद्र रूप को दर्शात है। इसे घर में रखने से लड़ाई-झगड़ा हो सकता है। 8.बजरंगबली की मूर्ति या तस्वीर को कभी भी शिव जी से उंचे स्थान पर न रखें। क्योंकि शिव हनुमान जी के आराध्य थे और उनसे बड़ा दर्जा देन शिव का अपमान होगा। इससे घर की समृद्धि रुक सकती है।
9.काली मां की तस्वीर कभी भी काले रंग की न रखें। क्योंकि ये देवी मां के क्रोध को दर्शाता है। देवी काली की तस्वीर हमेशा नीले रंग की रखें। इन्हें श्यामा काली के नाम से जाना जाता है। इनकी पूजा गृहस्थ कर सकते हैं।
10.देवी-देवताओं की मूर्ति कभी भी सिंघासन भी खाली न रखें। इन्हें रखने से पहले चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा अवश्य बिछा लें।