1.आज गणेश जी की जिस स्तुती के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं वह स्तुती बहुत ही चमत्कारी और प्रभावी स्तुती है। 2.इस स्तुती को बुधवार या रोजाना पढ़ने से आपको गणेश जी का स्नेह मिलेगा और उनकी कृपा से सारे विघ्न और संकट दूर हो जाएंगे।
3.इस स्तुती को पढ़ते समय यदि गणेश जी को दुर्वा और भोग स्वरूप मोदक चढ़ाए जाए तो आपके वारे- न्यारे हो सकते हैं। 4.गणेश जी का मंत्र इस प्रकार है – ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्। जिसे पढ़ने के इतने सारे लाभ हैं।
5.गणेश जी की यह स्तुती पढ़ने से गणेश जी आपके बिगड़े काम बनाते हैं और बिना किसी विघ्न के काम पूरे होते हैं। 6.गणपति जी की यह स्तुती पढ़ने से आपको धन प्राप्ति के रास्ते खुलते हैं और आकस्मिक धन लाभ का योग सुदृढ़ होता है।
7.भगवान विघ्नहर्ता की इस स्तुती घर में नियमित रूप से पढ़ने से ग्रह शांति होती है और ग्रह दोष समाप्त होते हैं। 8.इस मंत्र का जाप करते समय गणेश जी को दीप जलाकर फूल अर्पण करना गणेश जी कि पूजा में सोने पे सुहागा जैसा होता है।
9.इस मंत्र का रोज कम से 11 बार तो जाप करना चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के हिसाब से 11 का आंकड़ा शुभ माना जाता है। 10.इस मंत्र का जाप करने से आपके जन्मों के पाप का नाश होता है और भाग्य चमकता है और सदैव गणेश जी की कृपा बरसती है।