लंबे समय तक गर्मी में रहने के कारण होने वाली तीन सबसे आम समस्याएं हैं, जिनमें ऐंठन, थकावट और हीट स्ट्रोक शामिल हैं। अत्यधिक पसीना निकलने से, मूत्र और लार के रूप में तरल पदार्थ तथा इलेक्ट्रोलाइट्स ( electrolytes ) का प्राकृतिक नुकसान होता रहता है, जिससे डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट्स का तीव्र असंतुलन हो सकता है।
1- अधिक समय तक धूप में रहने, शारीरिक गतिविधि, उपवास, तीव्र आहार, कुछ दवाओं और बीमारी व संक्रमण के चलते निर्जलीकरण कहीं भी और कभी भी हो सकता है।
2- इसके आम लक्षणों में थकान, चक्कर आना, सिरदर्द, गहरे पीले रंग का मूत्र, शुष्क मुंह और चिड़चिड़ापन शामिल हैं। इसलिए इस मौसम में खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना महत्वपूर्ण है।
3- यह टाइफाइड ( typhoid ), पीलिया ( jaundice ) और दस्त ( diarrhea ) का मौसम भी है।
4- खाद्य स्वच्छता के लिए यह सूत्र याद रखें : गर्म करें, उबालें, पकाएं, छीलें या फिर उसे भूल जाएं।
5- कोई भी भोजन या तरल, यदि उपयोग करने से पहले उबाला जाता है, तो संक्रमण का कारण नहीं बन सकता है।
6- कोई भी फल, जो हाथों से छीला जा सकता है, उदाहरण के लिए, केला और नारंगी, तो वो भी संक्रमण का कारण नहीं बन सकता है।
7- अस्वच्छ पानी से तैयार किए गए बर्फ का उपयोग न करें।
8- ऐसे कटे फल और सब्जियों का सेवन न करें, जिन्हें खुला छोड़ दिया गया है। सड़कों पर बिकने वाले गन्ने का रस न पिएं। सड़क किनारे गिलास में पानी पीने से बचें।
9- कमरे के तापमान पर 2 घंटे से अधिक समय तक रखा हुआ भोजन न करें।
10- सड़कों पर बिकने वाले खीरे, गाजर, तरबूज आदि का सेवन न करें, जब तक कि वो पूर्ण स्वच्छ न हो।
इनपुट- आईएएनएस