1.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कालसर्प दोष के प्रभाव कुंडली में उसकी स्थिति पर निर्भर करती है। अगर किसी के जन्मांक में ये अच्छे स्थान पर है तो व्यक्ति रंक से राजा बन सकता है। क्योंकि ये एक प्रभावशाली योग है।
2.अगर किसी की कुंडली में कालसर्प के मुख में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में हो तो यह भी शुभ माना जाता है। ऐसे व्यक्ति को स्त्री सुख अच्छा मिलता है। साथ ही ऐसे लोगों का वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
3.जिनकी कुण्डली में राहु अच्छी स्थिति में होता है उसमें कालसर्प योग होने से वो शुभ फल देता है। ऐसे लोग हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल करते हैं। 4.जिनके जन्मांक में राहु 1, 2, 3, 10 अथवा 12 वें स्थान में हो तो ये अच्छा फल देता हे। ऐसे लोगों का स्वास्थ उत्तम रहता है। इन्हें सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में सफलता मिलती है।
5.जिनकी कुंडली में मंगल कालसर्प के मुख में स्थित हो तो ऐसे लोग साहसी होते हैं। ये बातचीत में भी माहिर होते हैं। इनकी इस खूबी से लोग जल्दी इनसे घुल-मिल जाते हैं। 6.जिनकी कुंडली में राहु और चंद्रमा की स्थिति अच्छी हो तो व्यक्ति बहुत समझदार होता है। ऐसे लोग प्रोफेसर, सांइटिस्ट एवं स्कॉलर के तौर पर सफलता हासिल करते हैं।
7.यदि किसी जातक की कुंडली में कालसर्प के मुख में बुध ग्रह स्थित हो तो यह भी शुभ प्रभाव देने वाला होता है। ऐसे लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं। साथ ही जीवन में बहुत तरक्की करते हैं।
8.अगर जातक की कुंडली में कालसर्प के मुख में शनि शुभ स्थिति में हो तो ऐसे लोग बहुत प्रभावशाली होते हैं। उनका दिमाग बहुत तेज होता है। 9.राहु के साथ गुरु की युति गुरु-चांडाल योग बनाती है। ज्योतिष शास्त्र में इसे अशुभ माना जाता है, लेकिन इस योग के शुभ स्थिति में होने पर ये नकारात्मक की जगह सकरात्मक फल देता है। ऐसे लोग जीवन में बहुत कामयाब होते हैं।
10.जिनकी कुंडली में शनि उच्च का होता है ऐसे लोगों को भी कार्लसर्प दोष में फायदा होता है क्योंकि शनि न्याय के देवता होते हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में व्यक्ति को कामयाबी मिलती है।