1.करवाचौथ के दिन कभी भी बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से देवी पार्वती नाराज हो जाती हैं। इससे वैवाहिक जीवन में परेशानी के साथ धन-सम्पत्ति को भी नुकसान हो सकता है।
2.करवाचौथ के दिन चन्द्र दर्शन से पहले किसी को भी सफेद वस्तु जैसे कि दूध, चावल, दही आदि नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से चंद्र देव नाराज हो जाते हैं और व्रत भी अधूरा माना जाएगा।
3.इस दिन भूलकर भी सूई का इस्तेमाल नही करना चाहिए क्योंकि इसे नकारात्मक माना जाता है। कहते हैं कि व्रत में सुई के प्रयोग से जीवन में कठिनाइयां आती हैं। 4.करवाचौथ व्रत के पूजन के समय देवी मां को प्रसन्न करने के लिए हाथ में गेंहूं के 13 दाने लेकर संकल्प लें। अब इसे गौरी मां को अर्पण करते हुए उनकी कृपा-दृष्टि बनाएं रखने की प्रार्थना करें।
5.देवी मां को प्रसन्न करने के लिए उन्हें भोग में चूरमा अवश्य चढ़ाएं। इससे आपका सुहाग सलामत रहेगा और घर के लोगों की तरक्की होगी। 6.अगर सुहागिन स्त्रियां देवी मां को चढ़ाएं गए चूरमे के भोग का कुछ हिस्सा अपनी सास को दें तो इससे अच्छा रहेगा। ऐसा करने से महिला को देवी के आशीर्वाद के साथ अपने बड़ों का भी आशीष मिलेगा।
7.करवाचौथ की पूजा के समय चंद्र देेव को अघ्र्य देते समय जल इस तरह चढ़ाएं कि वो आपके पैरों में न गिरें। इस बात का ध्यान न रखने से आप पर चंद्र ग्रह का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। चंद्र देव की पूजा के समय उन्हें चमेली का फूल अर्पण करना शुभ फलदायी होगा।
8.व्रत रखने वाली महिलाओं को काले या सफेद रंग के वस्त्र इस दिन बिल्कुल नहीं पहनने चाहिए। क्योंकि ये रंग नकारात्मकता और अशुभता को दर्शाते हैं। 9.इस बार करवाचौथ की पूजा का शुभ मुहुूर्त शाम 5:40 से 6:47 तक है। जबकि चांद निकलने का समय शाम 7 बजकर 55 मिनट का है।