script13 जून को पड़ेगी निर्जला एकादशी, इस दिन भूलकर भी न करें ये 10 काम | Nirjala Ekadashi will be on 13 June, don't do these things on same day | Patrika News
दस का दम

13 जून को पड़ेगी निर्जला एकादशी, इस दिन भूलकर भी न करें ये 10 काम

निर्जला एकादशी को चावल नहीं खाना चाहिए, इससे इंद्रियों पर नियंत्रण खत्म होता है
इस दिन कभी भी बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए, इससे दुर्भाग्य आ सकता है

Jun 10, 2019 / 10:27 am

Soma Roy

nirjala ekadashi 2019

13 जून को पड़ेगी निर्जला एकादशी, इस दिन भूलकर भी न करें ये 10 काम

नई दिल्ली। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। ये साल में 24 बार पड़ने वाली एकादशियों में सबसे श्रेष्ठ होती है। इस दिन बिना पानी पिएं एवं अन्न ग्रहण किए व्रत रखा जाता है। इस व्रत में शेषशायी रूप में विराजमान भगवान विष्णु की अराधना की जाती है। मगर विष्णु जी की पूजा के समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि जाने-अनजानें की गई कुछ गलतियां आप पर भारी पड़ सकती हैं। तो कौन से हैं वो काम जिन्हें करने से बचना चाहिए, आइए जानते हैं।
1.इस बार निर्जला एकादशी 13 जून को पड़ रही है। इस दिन विष्णु भगवान की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। चूंकि ये व्रत बिना पानी के रहा जाता है इसलिए ब्रम्ह मुहुर्त के बाद जल ग्रहण नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये त्याग की भावना को दर्शाता है।
2.ईश्वर को धन्यवाद देने के लिए इस दिन अन्न भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। क्योंकि एक दिन अन्न के त्याग से आप वो अन्न ऐसे जरूरतमंद को दान कर सकते हैं, जिसे उसकी ज्यादा जरूरत हो।
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3.निर्जला एकादशी का व्रत बहुत पुण्य फल देने वाला होता है। इस दिन मन को शुद्ध रखना चाहिए। एकादशी के दिन कभी भी दूसरों की बुराई नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलेगा।
4.निर्जला एकादशी के दिन कभी भी बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए। क्योंकि बृहस्पति देव को वरिष्ठ माना जाता है। ऐसे में एकादशी व्रत में किसी बुजुर्ग को अपशब्द कहने से व्यक्ति का दुर्भाग्य आ सकता है।
5.एकादशी को चावल नहीं खाना चाहिए और न ही घर में बनाना चाहिए। क्योंकि मान्यता है कि इस दिन चावल खाने से प्राणी रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है।

nirjala ekadashi 2019
6.चावल से जुड़ी एक और मान्यता है। कहा जाता है कि चावल का संबंध जल से है और जल चंद्रमा से प्रेरित होता है। एकादशी के दिन चावल खाने से पांचों ज्ञान इन्द्रियां और पांचों कर्म इन्द्रियों का मन पर अधिकार नहीं रहता है।
7.एकादशी के दिन भूखे-प्यासे रहने के पीछे शास्त्रों ने कई महत्वपूर्ण वजह बताई है। इसके अनुसार एकादशी के दिन शरीर में जल की मात्र जितनी कम रहेगी, व्रत पूर्ण करने में उतनी ही अधिक सात्विकता रहेगी।
8.महाभारत काल में वेदों का विस्तार करने वाले भगवान व्यास ने पांडव पुत्र भीम को निर्जला एकादशी व्रत रखने का सुझाव दिया था। इस व्रत को स्त्री-पुरुष कोई भी रख सकता है।

9.एकादशी के व्रत में साफ-सफाई का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। इस दिन घर में कूड़े का ढ़ेर न रहने दें। ऐसा होने पर घर में मां लक्ष्मी नहीं टिकेंगी।
10.निर्जला एकादशी व्रत के दिन दिन में न सोएं। क्योंकि उस दिन विष्णु भगवान की पूजा की जाती है और वो शयनासन की अवस्था में होते हैं। ऐसे में आप के सोने से विष्णु जी का अपमान होगा।

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