आगामी चुनाव में मिलेगी मदद पिछले साढ़े चार सालों में मोदी सरकार ने रोजगार पैदा करने के लिए कोई भी बहुत बड़ा कदम नहीं उठाया है। अगर मोदी सरकार चीन को भारत में निवेश करने का मौका देती है तो इससे न सिर्फ देश की जनता में लोकप्रियता बढ़ेगी बल्कि आने वाले लोकसभा चुनाव जीतने में भी सरकार को काफी मदद मिलेगी, लेकिन अगर सरकार के द्वारा ये कदम नहीं उठाया जाता है तो इससे दोनों देशों का नुकसान होगा।
सरकार पर बन रहा है दबाव आपको बता दें कि चीन की मीडिया के हवाले से खबर आ रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव के पहले मोदी सरकार दबाव से गुजर रही है। वहीं, सरकार अपने वादों पर भी खरी नहीं उतर पाई। सरकार ने देश की जनता से नौकरियां देने की बात कही थी, लेकिन आज ये सभी वादे फेल होते नजर आ रहे हैं और रिफॉर्म के वादों पर भी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
डोकलाम के बाद बदली स्थितियां भारत और चीन के बीच हुए डोकलाम विवाद के बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते काफी कमजोर हो गए थे, लेकिन अब स्थितियों में सुधार आ रहा है और जल्द ही दोनों देशों के बीच कई जरूरी द्विपक्षीय समझौते किए जाएंगे।
देश की इकोनॉमी को मिलेगा बढ़ावा आपको बता दें कि मोदी सरकार ने विदेशी निवेश के लिए काफी कदम उठाएं हैं। विदेशी निवेश से न सिर्फ हमारे देश की इकोनॉमी मजबूत होगी बल्कि रोजगारों को भी बढ़ावा मिलेगा, लेकिन चीन की कंपनियों की भारत में एंट्री को लेकर भी कई विवाद हैं, जिसके चलते भारत सरकार के द्वारा चीन के निवेश को लेकर काफी दुविधा है।
भारत में मोदी की बढ़ेगी लोकप्रियता चीन के ग्लोबल टाइम्स के हवाले से खबर आई है कि चीन भारत में लेबर इंसेंटिव सेक्टर पर निवेश करेगा। इसका सीधा फायदा भारत की बेरोजगार जनता को होगा और मोदी सरकार की भी देश में लोकप्रियता बढ़ेगी।