आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को कहा कि यह ‘निराशाजनक’ है कि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में देश के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की रफ्तार गिरकर 7.1 फीसदी रही।
नई दिल्ली•Dec 01, 2018 / 09:17 am•
Saurabh Sharma
आर्थिक मामलों के सचिव ने जीडीपी की रफ्तार 7.1 फीसदी निराशाजनक
नई दिल्ली। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को कहा कि यह ‘निराशाजनक’ है कि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में देश के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की रफ्तार गिरकर 7.1 फीसदी रही। उन्होंने कहा कि विनिर्माण और कृषि की विकास दर जहां स्थिर रही है। वहीं, मॉनसून के कारण विनिर्माण और खनन क्षेत्र की विकास दर घटी है। हालांकि उन्होंने कहा कि छमाही विकास दर 7.4 फीसदी रही, जो कि ‘काफी मजबूत और स्वस्थ’ थी।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में जीडीपी की दर 7.1 फीसदी रही, जो निराशाजनक है। विनिर्माण की विकास दर 7.4 फीसदी और कृषि की विकास दर 3.8 फीसदी रही, जोकि स्थिर है। जबकि विनिर्माण की 6.8 फीसदी और खनन की नकारात्मक 2.4 फीसदी रही, जोकि मॉनसून के कारण कम रही।”
चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में आई सुस्ती से देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर घटकर 7.1 फीसदी पर आ गई है जबकि पहली तिमाही में यह 8.2 फीसदी रही थी। केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, सकल मूल्य वद्र्धन (जीवीए) वृद्धि दर दूसरी तिमाही में 6.9 फीसदी रही है, जबकि पहली तिमाही में यह 8.0 फीसदी रही थी। वर्ष 2017-18 की समान अवधि में 6.1 फीसदी रही थी। लगातार चार तिमाही तक रही तेजी के बाद विकास दर में यह सुस्ती आई है।
जून 2017 में समाप्त पहली तिमाही के बाद से अर्थव्यवस्था में तेजी का रूख बना था। वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में विकास दर 6.3 फीसदी, तीसरी तिमाही में 7.0 फीसदी और चौथी तिमाही में 7.7 फीसदी और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर दो वर्ष के उच्चतम स्तर 8.2 फीसदी पर पहुंच गई थी। पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में अधिकांश क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इसमें बढ़ोतरी हुई है।
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