इसलिए लगाया जुर्माना
जांच पूरी करने के बाद 30 जनवरी को यह नोटिस जारी किया गया था। मामले के निर्णय के दौरान यह पाया गया कि देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड (डीएमपीएल) ने फेमा का उल्लंघन करते हुए भारत के बाहर स्थित निवेशकों से निवेश प्राप्त किया। अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दक्षिणी रेंज के विशेष निदेशक के निर्णय के बाद डीएमपीएल, विदेशी कंपनियों (निवेशकों) और डीएमपीएल के विदेशी निदेशकों पर कुल 1585. 08 करोड़ रूपए का जुर्माना लगाया गया।
क्या है एंटरिक्स – देवास सौदा ?
गौरतलब है कि डीएमपीएल और सरकारी कंपनी एंटरिक्स के बीच एक सौदा हुआ था। एंटरिक्स इसरो के नियंत्रण में है और यह इसरो की वाणिज्यिक इकाई के रूप में काम करती है। जांच एजेंसी ने 2012 में फेमा के तहत एक शिकायत दर्ज की थी और सौदे की धन शोधन अधिनियम के तहत भी वह जांच कर रही है। एंटरिक्स ने एस -बैंड रेडियो तरंगें मुहैया करने के लिए जनवरी 2015 में देवास के साथ एक सौदे पर हस्ताक्षर किया था। गौरतलब है कि ये तरंगें मुख्य रूप से देश के सामरिक उद्देश्यों के लिए रखी गई थी।
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