क्या है Garib Kalyan Rojgar Abhiyan– ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ ( poor welfare employment campaign ) की बात करें तो लॉकडाउन के दौरान रोजी-रोटी बंद हो जाने की वजह अपने घरों को वापस लौट चुके मजदूरों के रोजगार और पुनर्वास को ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ नाम दिया गया है। ये अभियान 6 राज्यों में 116 जिलों में 125 दिनों का ये अभियान प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए है। गरीब कल्याण रोजगार अभियान (PMGKY) में 25 तरह के कामों ( मनरेगा के कामों से लेकर रेलवे के कामों को इसके अन्तर्गत इसमें शामिल किया गया है। ) की लिस्ट बनाई गई है।
50 हजार करोड़ होंगे खर्च- 115 दिनों के इस अभियान के लिए सरकार 50,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी और लगभग 60 लाख मजदूरों को उनकी स्किल के हिसाब से काम देने की योजना बनायी गई है। आपको जानकारी के लिए बता दं कि ये अभियान केंद्र सरकार की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का हिस्सा है।
इन राज्यों में चलाया जाएगा अभियान – लोगों को रोजगार मुहैया कराने के साथ इस योजना से ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास भी हो सकेगा। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा को इस अभियान के तहत चुना गया है. इन राज्यों के 27 जिले भी इसमें शामिल हैं।
किस राज्य के कितने जिलों को इस योजना में शामिल किया गया है ये आप ऊपर दिये infograph में देख सकते हैं-
बिहार से होगी शुरूआत- 20 जून को इस अभियान की शुरूआत बिहार राज्य के खगड़ियां जिले से की जाएगी । आप ऊपर आंकड़ों में देख सकते हैं कि इस अभियान के तहत सबसे ज्यादा जिले बिहार राज्य में चुने गए हैं। आपको मालूम हो कि हमारे देश के 1 तिहाई प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य से आते हैं।