सूत्रो के मुताबिक सरकार लगभग 5,000 करोड़ रुपए (करीब 67 करोड़ डॉलर) का तेल खरीदने वाली है। जिसकी डिलीवरी इसी साल अप्रैल-मई तक हो जाएगी। इस आपूर्ति से 53.3 लाख टन के 3 रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार को भर लिया जाएगा। इनका निर्माण इंडिया स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (आईएसपीआरएल) ने किया है।
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अगर सबकुछ योजना के मुताबिक होता है तो इस खरीदारी से भारत सरकार को 50-60 करोड़ डॉलर की बचत होगी। दरअसल सरकार को न सिर्फ सस्ती कीमत पर कच्चा तेल मिल रहा है बल्कि खाड़ी देशों के तेल उत्पादकों ने तेल पर अच्छी छूट देने की भी पेशकश की है।
अरैमको और एडनॉक को तेल भंडारण के लिए कह सकती है सरकार-
सरकार इस तेल भंडारण के लिए अरैमको और एडनॉक को बोलेगी, अगर ये कंपनियां ऐसा करने से मना करेंगी उस स्थिति में आईएसपीआरएल सरकार से जरूरी रकम मिलने के बाद खुद तेल खरीदेगी। इसके अलावा इंडियन ऑयल कंपनी, बीपीसीएल जैसी सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों से भी कहा जा सकता है कि वे भंडार को भरने के लिए अपनी ओर से ठेका जारी करें।
तेल के भंडारण से हो सकते हैं ये फायदे-
अगर भारत सरकार इस सौदे को पूरा कर लेती है तो देश की 10 दिन की ऑयल डिमांड को पूरा किया जा सकता है। बल्कि और भी कई लाभ होंगे। जैसे-