क्यों देगी सरकार इनाम
सरकार के लिए बेनामी संपत्ति का पता लगाना टेढी खीर बनता जा रहा है। इसलिए सरकार एक पॉलिसी बनाने जा रही है जिसके तहत बेनामी संपत्ति के बारे में बताने वाले मुखबिर को 15 लाख से 1 करोड़ रुपए तक ईनाम के तौर पर दिया जाएगा। इस पॉलिसी पर काम कर रहे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के एक अधिकारी के मुताबिक बेनामी संपत्ति की जानकारी देने वाले मुखबिर को कम से कम 15 लाख और ज्यादा से ज्यादा 1 करोड़ रुपए दिया जा सकता है। हालांकि सरकार का प्रस्ताव फिलहाल वित्त मंत्रालय के पास है। वित्त मंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद CBDT इसका औपचारिक ऐलान कर देगी
कब होगा नियम लागू
सरकारी सूत्रों के मुताबिक मुमकिन है जल्द ही इसका ऐलान किया जाए। बेनामी संपत्ति की जानकारी सटीक होनी चाहिए और मुखबिर की पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी। पिछले साल सरकार जो बेनामी संपत्ति कानून लाई थी। उसमें इस तरह के प्रावधान नहीं थे. हालांकि, इससे पहले भी प्रवर्तन निदेशालय, डीआरआई इस तरह की खुफिया जानकारी देने वालों को इनाम देते रहे हैं।
बेनामी संपत्ति क्या है
इस लेनदेन में जो आदमी पैसा देता है वो अपने नाम से प्रॉपर्टी नहीं करवाता है। जिसके नाम पर ये प्रॉपर्टी खरीदी जाती है उसे बेनामदार कहा जाता है। इस तरह से खरीदी गई प्रॉपर्टी को बेनामी प्रॉपर्टी कहा जाता है। इसमें जो व्यक्ति पैसे देता है घर का मालिक वही होता है। ये प्रॉपर्टी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दोनों तरीकों से पैसे देने वाले का फायदा करती है। भारत में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनके धन का कोई हिसाब-किताब नहीं है और वे आयकर भी नहीं चुकाते