scriptचुनाव के बीच IBC की फॉरेंसिक ऑडिट में हुआ एक लाख करोड़ रुपए के घोटाले उजागर | IBC's forensic audit exposed a scam of Rs 1 lakh crore | Patrika News

चुनाव के बीच IBC की फॉरेंसिक ऑडिट में हुआ एक लाख करोड़ रुपए के घोटाले उजागर

locationनई दिल्लीPublished: Apr 22, 2019 03:14:34 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

200 से अधिक कंपनियों की फॉरेंसिक ऑडिट में हुए घोटाले उजागर
1484 मामले आईबीसी के तहत कार्रवाई के लिए लाए जा चुके हैं
900 मामलों पर कार्रवाई होनी अभी बाकी है

IBC

चुनाव के बीच IBC की फॉरेंसिक ऑडिट में हुआ एक लाख करोड़ रुपए के घोटालों को उजागर

नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव 2019 के तहत मतदान चल रहे हैं। 23 अप्रैल को तीसरे चरण का मतदान होना है। इसी बीच इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्ट्सी कोड ( IBC ) के चल रही जांच में एक लाख करोड़ रुपए के घोटालों का खुलासा हुआ है। वास्तव में 200 से अधिक कंपनियों की फॉरेंसिक ऑडिट से इतने बड़े घोटाले का पता चला है। जानकारी के अनुसार इन्सॉल्वंसी ऐंड बैंकरप्ट्सी कोड के तहत कॉर्पोरेट इन्सॉल्वंसी रिजॉल्यूशन का सामना कर रहीं इन कंपनियों से फंड डायवर्जन की भी आशंका है। उम्मीद जताई जा रही है कि अब कंपनी मामलों का मंत्रालय इन कंपनियों के प्रमोटरों, डायरेक्टरों और कुछ कंपनियों के ऑडिटरों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करेगा।

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इन कंपनियों पर लगा है घोटाले का आरोप
जानकारी के अनुसार जेपी इन्फ्राटेक की पैरंट कंपनी जयप्रकाश असोसिएट्स का नाम सामने आया है। जयप्रकाश असोसिएट्स ने बैकों से लोन लेने के लिए जेपी इन्फ्राटेक के पास पड़ी जमीन का किस तरीके से इस्तेमाल किया। इसी तरह, ऐमटेक ऑटो और भूषण स्टील के मामलों में भी गड़बडिय़ां सामने आई हैं। वहीं ऑडिट में रुपयों का हेरफेर करने के साथ और भी कई तरीकों की गड़बडिय़ों का खुलासा हुआ है, जिनमें बैंकों बाखूबी सहारा लिया गया है। फॉरेंसिक ऑडिट में धोखाधड़ी और वित्तीय गड़बडिय़ों के सबूत जुटाने के लिए किसी संस्था या कंपनी के खातों और लेनदेन की जांच का स्वतंत्र आकलन किया जाता है।

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1,484 मामले आ चुके हैं सामने
इन्सॉल्वंसी ऐंड बैंकरप्ट्सी कोड के तहत सामने आए अधिकतर मामलों की जांच का जिम्मा नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ( एनसीएलटी ) द्वारा नियुक्त प्रोफेशनल्स फॉरेंसिक ऑडिटर्स के पास है। आपको बता दें कि दिसंबर 2016 में कॉर्पोरेट इन्सॉल्वंसी रेजॉलुशन का प्रावधान लागू होने के बाद से दिसंबर 2018 तक 1,484 मामले आईबीसी के तहत कार्रवाई के लिए लाए जा चुके हैं। इनमें 900 मामलों को निपटना बाकी है।

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