कर्जों के संबंध में स्पष्टता की जरूरत
एक समाचार एजेंसी ‘एफे’ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि आईएमएफ को कर्जों के संबंध में स्पष्ट जानकारी की जरूरत है, जिनमें स्वतंत्र देशों व सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों मिले कर्ज शामिल शामिल हैं। उनके बयान से जाहिर है कि पाकिस्तान को बेल्ट व रोड परियोजना में उसकी भागीदारी के हिस्से के रूप में चीन से प्राप्त कर्ज की पूरी जानकारी का खुलासा करने के लिए बाध्य किया जा सकता है। इससे पहले पाकिस्तान ने कहा कि उसे आईएमएफ से कर्ज की जरूरत होगी। देश का व्यापार घाटा बढ़ रहा है और मुद्रा में गिरावट आ रही है, जिससे उसका विदेशी मुद्रा भंडार जल्द ही खत्म होने वाला है।
पाकिस्तान को चाहिए 12 अरब डाॅलर
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को आयात व कर्ज का भुगतान करने की जरूरतों के लिए 12 अरब डॉलर चाहिए। लेगार्ड ने कहा कि उसकी न तो पाकिस्तान के वित्तमंत्री असद उमर से मुलाकात हुई है और न ही पाकिस्तान की ओर से आईएमएफ की मदद के लिए अब तक कोई औपचारिक मांग आई है। हालांकि उन्होंने कहा कि आईएमएफ पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल से गुरुवार को मुलाकात करेगा, क्योंकि आईएमएफ अपने सारे सदस्यों से मिलने के लिए उपलब्घ रहता है। पाकिस्तान के लिए आईएमएफ से कर्ज का मसला चीन से उसके संबंधों को लेकर पहले ही जटिल हो चुका है। पाकिस्तान को बीजिंग की बेल्ट व रोड परियोजना में सबसे ज्यादा कर्ज मिला है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने जुलाई में ही चेतावनी दी थी कि वाशिंगटन नहीं देखना चाहता है कि पाकिस्तान को आईएमएफ से किसी प्रकार का कर्ज मिले, जोकि चीनी बांडधारकों को बेलआउट करने के लिए जाए।