जीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य घटाया, फिर भी रहा कम देश की जनता से सरकार कर की वसूली करती है, जिसमें फरवरी माह में बी गिरावट देखी गई है। जनवरी में सरकार का जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ के पार थे। वहीं, फरवरी में सरकार के जीएसटी कलेक्शन में काफी गिरावट देखी गई थी। गिरावट के बाद फरवरी में जीएसटी कलेक्शन 97 हजार करोड़ पर पहुंच गया था। सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में जीएसटी के तहत कर संग्रह का लक्ष्य पहले 13.71 लाख करोड़ रुपए रखा था, जिसे बाद में घटाकर 11.47 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया था, लेकिन मोदी सरकार यह लक्ष्य भी हासिल नहीं नहीं कर पाई। आपको बता दें कि फरवरी तक जीएसटी संग्रह सिर्फ 10.70 लाख करोड़ रुपए रहा है।
देश की विकास दर आपको बता दें कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश की आर्थिक तरक्की की रफ्तार में भी सुस्ती रही है। इस साल देश की विकास दर 7 फीसदी के आसपास ही रहने का अनुमान है। वहीं अगर हम पिछले साल की बात करें तो देश की विकास दर 7.2 फीसदी रिकॉर्ड की गई थी।
राजकोषीय घाटा देश के जीएसटी कलेक्शन में कई तरह के उचार-चढ़ाव देखे गए हैं, जिससे पता चलता है कि पिछले वित्त वर्ष के शुरुआती 11 महीनों में राजकोषीय घाटा उस साल के लक्ष्य का 120.3 फीसदी था जो इस समय करीब 135 फीसदी हो गया है।
सुस्त पड़ी उद्योगों की रफ्तार सीएसओ ने हाल ही में औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी किए थे, जिससे पता चलता है कि जनवरी में औद्योगिक उत्पादन की दर में कमी देखी गई है, जिसके बाद यह दर 1.7 फीसदी पर पहुंच गई है। आपको बता दें कि पिछले साल के मुकाबले में अगर हम देखें तो यह बहुत बड़ी गिरावट है। पिछले साल औद्योगिक उत्पादन की दर 7.5 फीसदी रही थी। वहीं, अप्रैल से लेकर जनवरी तक यह दर 4.4 फीसदी रही थी।
विदेशी निवेशक भी दूर आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च में अब तक भारतीय बाजारों में सिर्फ 38,211 करोड़ रुपए का निवेश किया है। वहीं, वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तीन तिमाहियों में देश का कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में तीन फीसदी की गिरावट देखी गई थी।