कारोबार

1 फीसदी की रफ्तार से बढेगी Indian Economy, गरीबों पर खर्च करने से हो सकता है सुधार: Geeta Gopinath

भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) अगले 2 सालों में मात्र 1 फीसदी ( India’s Growth rate ) की रफ्तार से आगे बढ़ेगी
आईएणएफ अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ( IMF Chief Economist Geeta Gopinath ) का दावा
मोदी सरकार को दी गरीबों पर और अधिक खर्च करने की सलाह

नई दिल्लीJun 26, 2020 / 03:55 pm

Pragati Bajpai

geeta gopinath

नई दिल्ली: कोरोना ने वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही पर तो पानी फेर दिया लेकिन आगे भी हालात इतनी जल्दी नहीं सुधरने वाले, बल्कि IMF Chief Economist Geeta Gopinath का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) अगले 2 सालों में मात्र 1 फीसदी ( India’s Growth rate ) की रफ्तार से आगे बढ़ ( रेंग ) रही होगी । हालांकि गीता का मानना है कि भारत अकेला ऐसा देश नहीं होगा बल्कि कमोबेश एक बड़ी तादाद में अर्थव्यवस्थाओं का यही हाल होगा।

सरहद पर सड़क बनाने वालों पर मेहरबान सरकार, कर्मचारियों के वेतन में होगी 170 फीसदी की वृद्धि

गीता ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि चीन अकेला ऐसा देश होगा जो सकारात्मक रूप में आर्थिक वृद्धि दर्ज करेगा और उसकी सबसे बड़ी वजह है कि चीन में अप्रैल से कोरोना के मामले सामने नहीं आए है और इसके साथ ही चीन की आर्थिक गतिविधियां भी शुरू हो चुकी है जबकि अन्य देशों के साथ ऐसा नहीं है।

इस वजह से हुई गिरावट- आईएमएफ ( IMF ) अर्थशास्त्री ने माना कि कोरोना की वजह से सरकार द्वारा लिया गया लॉकडाउन ( CORONA LOCKDOWN ) का फैसला सही था लेकिन लॉकडाउन में बढ़ोतरी की वजह से अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंची है। फिलहाल अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी की संभावना अभी नहीं दिख रही है

Swiss Banks से भारतीयों का मोहभंग, 6 फीसदी कटौती के साथ 30 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा Deposit

मोदी सरकार को सलाह- गीता गोपीनाथ ( Geeta Gopinath IMF ) ने अर्थव्यवस्था में सुधार के तरीके सुझाते हुए मोदी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि भारत को अपनी टेस्टिंग कैपासिटी बढ़ानी होगी, अस्पतालों पर सरकार को खर्च करने की जरूरत है । इसके अलावा फिलहाल मोदी सरकार ( Modi Govt ) को गरीबों पर और अधिक खर्च करने की जरूरत है क्योंकि लोगों के पास खर्च करने को पैसे नहीं है ऐसे में सरकार को गरीबों को डायरेक्ट बेनेफिट ( Direct Benefit Transfer ) देकर अर्थव्यवस्था में मांग पैदा करने की जरूरत है। यानि भारतीय अर्थव्यवस्था तभी पटरी पर लौटेगी जब कैश सपोर्ट काम करेगा । इसके साथ ही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग को सरकार के मजबूत सहारे की जरूरत है।

भारत को इन हालात से निकलने में टाइम लगेगा जबकि जिन देशों ने अर्थव्यवस्था में भरपूर नकदी लगा दी है, वो तेजी से रिकवरी करेंगे।

अगले साल 6 फीसदी से वृद्धि का दिया है अनुमान- आपको बता दें कि अभी बीते दिनों आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि 2021-22 में देश में फिर से तेजी की राह पर लौट आएगा और उस साल 6 फीसदी की मजबूत आर्थिक वृद्धि ( Economic Growth ) देखने को मिल सकती है।ट

Home / Business / 1 फीसदी की रफ्तार से बढेगी Indian Economy, गरीबों पर खर्च करने से हो सकता है सुधार: Geeta Gopinath

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.