वैश्विक मंदी के बावजूद भारत के विकास दर में वृद्धि : जेटली
उन्होंने कहा कि आज जिस युग में हम हैं उसने हमें फिर से एक अवसर दिया है
भिलाई (छत्तीसगढ़)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत वैश्विक मंदी के बावजूद सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित हो रहा है। दुनिया के अग्रणी देशों की विकास दर जहां कम हो रही है वहीं पिछले दो सालों में भारत का विकास दर बढ़ी है। जेटली रविवार को राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के साथ-साथ सीआईआई और
छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘राज्य की आर्थिकी और सुधार एवं भविष्य की राह’ विषय पर आयोजित सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश में निर्णय प्रक्रिया सरल की गई। उपेक्षित क्षेत्रों में पूंजी निवेश को बढ़ावा दिया गया है। वायु यातायात एवं एयर कनेक्टिविटी, रेलवे का सुधार, हाइवे और ग्रामीण सड़कों का विकास, बिजली और उर्जा को बढ़ावा, अधोसंरचना में निवेश जैसे कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया में हुए कई आर्थिक बदलावों में मौके खोए हैं।औद्योगिक क्रांति का लाभ यूरोप और अमरीका ने उठाया। तकनीकी क्रांति का लाभ जापान, कोरिया, ताईवान जैसे छोटे देशों ने लिया। इन देशों ने वैश्विक बाजार के अनुरूप अपने को ढालकर अच्छे और सस्ते उत्पाद बाजार में उतारे।
उन्होंने कहा कि आज जिस युग में हम हैं उसने हमें फिर से एक अवसर दिया है। वर्ष 2008 की आर्थिक मंदी के बाद विश्व की आर्थिक व्यवस्था अभी भी नहीं सुधरी है। तेल का दाम कम हुआ है। तेल और कमोडिटी में हमारा देश खरीददार देश है। इसका स्वाभाविक लाभ हमें मिल रहा है। उन्होंने कहा कि देश में निवेश के लिए नए दरवाजे खुले हैं, व्यवसाय का माहौल सुधरा है और सरलता आई है, लेकिन इस सरलता को नीचे स्तर नगर-निकायों और पंचायतों तक पहुंचाएं जाने की जरूरत है। जब तक ये सुधार नीचे स्तर तक नहीं पहुंचेंगे तब तक प्रयास अधूरे रहेंगे।
जेटली ने कहा कि देश के विकास के लिए हमें करों का भुगतान करना चाहिए। हाल ही में ब्याज दर का निर्धारण, बैंकिंग, जीएसटी एवं अनुदान का लाभ गरीबों को प्रदान करने के संबंध में ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। आधार अब कानून बन गया है और इससे गलत तरीके से अनुदान लेने वालों पर रोक लगेगी।
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