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अर्थव्‍यवस्‍था

मोदी के तल्ख तेवर के बाद क्या शुरू हो गई एशियन ट्रेड वार?

एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने साफ कर दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार खत्म होने से एशिया के बाकी देशों में इसका असर साफ दिखाई देगा। भारत के समर्थित देश भी पाकिस्तान के साथ होने वाले व्यापार से हाथ खींच सकते हैं।

Feb 15, 2019 / 04:36 pm

Saurabh Sharma

Trade war

मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करते ही शुरू हुआ एशिया का सबसे बड़ा ट्रेड वॉर!

नई दिल्ली। भले ही भारत के कुल अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में पाकिस्तान का हिस्सा काफी कम हो, लेकिन पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन दर्जा खत्म करते ही भारत सरकार की ओर से एशिया में सबसे बड़े ट्रेड वॉर की शुरूआत हो गई है। क्योंकि जिस तरह से भारत के इस कदम से चीन और बाकी देशों के रिएक्शन आए उससे ऐसा ही लग रहा है। दर्जा खत्म करने से एशियाई ही नहीं बल्कि अमरीका और युरोप की अर्थव्यवस्थाएं भी अलग-अलग दिखाई दे रही हैं। जिसका असर पूरे एशिया की इकोनॉमी में देखने को मिल सकता है। एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने साफ कर दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार खत्म होने से एशिया के बाकी देशों में इसका असर साफ दिखाई देगा। भारत के समर्थित देश भी पाकिस्तान के साथ होने वाले व्यापार से हाथ खींच सकते हैं।

खत्म हो जाएगा व्यापार
जिस तरह से अमरीका और चीन के बीच ग्लोबल ट्रेड वॉर चल रही है। उसी तरह से भारत और पाकिस्तान के बीच ट्रेड वॉर की शुरूआत हो चुकी है। भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया है। यह बात अलग है कि पाकिस्तान की ओर से भारत को यह दर्जा कभी नहीं दिया गया। अब भारत और पाकिस्तान बीच हुए सभी व्यापारिक समझौते खत्म हो सकते हैं। साथ ही भारत द्वारा किया जाने निर्यात और पाकिस्तान से होने वाला आयात भी खत्म हो जाएगा।

शुरू होगा एशियाई ट्रेड वॉर
अब इसका असर भारत और पाकिस्तान के मित्र देशों के बीच देखने को मिल सकता है। हाल ही में यूएई पाकिस्तान की मदद काे आगे आया है। वहीं पिछले दिनों पाकिस्तान में सऊदी अरब किंग सलमान ने दौरा किया। अब उन्हें भारत का भी दौरा करना है। पाकिस्तान आईएमएफ से मदद की गुहार लगा रहा है। लेकिन भारत की तरफ से मोस्ड फेवर्ड नेशन का दर्जा छिनने और प्रायोजित आतंकवाद फैलाने से उसके यहां आने वाले निवेश पर असर पड़ सकता है। वहीं दूसरी ओर चीन जिस तरह से पाकिस्तान की खुलकर मदद करता रहा है। उससे भारत को दबाने का चीन को और मौका मिलेगा। एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि एशिया कई ऐसे देश हैं जो भारत के साथ हमेशा खड़े दिखाई देते हैं। भारत के साथ अब वो भी पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध खत्म कर सकते हैं।

इतना होता है भारत-पाक के बीच व्यापार
एसोचैम की रिपोर्ट की मानें तो 2015-16 में भारत का कुल व्‍यापार 641 अरब डॉलर रहा है। वहीं पाकिस्‍तान के साथ व्‍यापार मात्र 2.67 अरब डॉलर रहा। पाकिस्‍तान को भारत का निर्यात मात्र 2.17 अरब डॉलर रहा। भारत के कुल निर्यात में यह मात्र 0.83 फीसदी है। वहीं पाकिस्‍तान से भारत का आयात 50 करोड़ डॉलर से भी कम है। यह भारत के कुल आयात का 0.13 फीसदी है।

इन सामानों का होता है आयात निर्यात
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमेंट, चीनी, आर्गेनिक केमिकल, कॉटन, फिलामेंट, सब्जी, ड्राई फ्रूड, मिनरल फ्यूल, मिनरल ऑयल, नमक, स्टोन, स्टील का प्रमुखता से व्यापार होता है। पाकिस्तान भारत से एक हजार के करीब कमोडिटी का आयात करता है, जबकि भारत पाकिस्तान से 600 कमोडिटी आयात करता है।

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