इन सेक्टर्स को मिलेगी राहत-
कोरोना वायरस के चलते इंटरनेशनल लेवल पर ट्रैवेल एडवाइजरी जारी हो जाने के कारण एविएशन इंडस्ट्री का काम लगभग एक महीने से ठप्प पड़ा है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो अप्रैल खत्म होते-होते कई एयरलाइंस बंद होने की कगार पर आ जाएंगी। वहीं होटल और टूरिज्म सेक्टर का हाल भी एयरलाइंस से कुछ अलग नहीं है।
इसलिए लग रहा है टाइम-
सेक्टर वाइज नुकसान का स्पष्ट अंदाजा होने पर राहत पैकेज की राशि के बारे में खुलासा कर दिया जाएगा। इसके अलावा अधिकारियों का कहना है कि पैकेज की राशि सरकार की रेवेन्यू जनरेट करने की क्षमता पर निर्भर करेगी। उद्योग जगत से जुड़े लोगों का कहना है कि कार्पोरेट इंडिया को राहत देने के लिए सरकार के पास ठोस आंकड़े होने चाहिए। क्योंकि अभी तक सरकार द्वारा दिये गए पैकेजों में पूरा प्रयास अर्थव्यवस्था में कैश बढ़ाने और लोगों के हाथ में मौजूद कैश को प्रोटेक्ट करने पर था लेकिन कार्पोरेट इंडिया को राहत देने के लिए सरकार के पास अतिरिक्त आय के साधन होना बेहद जरूरी होगा।
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एक अनुमान के मुताबिक 21 दिनों के लॉकडाउन से भारत की अर्थव्यवस्था को करीब 9 लाख करोड़ का नुकसान होगा। और जिस तरह से देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है। उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि लॉकडाउन के पीरियड को बढ़ाया जा सकता है। ऐसा होने पर न सिर्फ नुकसान बढ़ेगा बल्कि अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट पर भी नेगेटिव असर पड़ेगा। ( मूडीज ने आज एक बार फिर भारत की दर को घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया है । )