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NRI टैक्स के नियमों में हुआ बदलाव, जानें कितना और किस तरह से देंगे टैक्स

NRI TAX रुल्स में हुा बदलाव
120 दिन से कम रहने पर कायम रहेगा NRI स्टेटस
बीते सालों का रिकॉर्ड बनेगा निर्णायतक

Apr 14, 2020 / 07:47 am

Pragati Bajpai

nri tax

नई दिल्ली: इस बार के बजट में अनिवासी भारतीय यानि NRI को कुछ सहूलियते दी गई हैं। 27 मार्च, 2020 को इस विधेयक को राष्ट्रपति की हरी झंडी मिल गई है यानि अब यह वित्त अधिनियम 2020 बन गया है। इसके तहत अनिवासी भारतीय यानी एनआरआई में उन व्यक्तियों को शामिल किया गया, जो वित्‍त वर्ष में 120 दिनों तक भारत में रहे। पहले ये अवधि 182 दिन से कम थी ।

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बजट पारित होने के समय एक संशोधन यह हुआ कि केवल उन मामलों में 120 दिनों की कम अवधि लागू होगी, जहां वित्‍त वर्ष के दौरान ऐसे आने वाले व्यक्तियों की कुल भारतीय आय (यानी भारत में अर्जित आय) 15 लाख रुपये से ज्‍यादा है। इस तरह विजिटिंग एनआरआई जिनकी भारत में कुल आय (जो टैक्‍सेबल इनकम के रूप में परिभाषित की गई है) वित्‍त वर्ष के दौरान 15 लाख रुपये तक है, अगर वे 181 दिनों से अधिक नहीं रहते तो भी एनआरआई बने रहेंगें । लेकिन ये इतना आसान नहीं होगा क्योंकि वर्तमान वर्ष में 120 दिन रहने वाले व्यक्ति के चार सालों के रिकॉर्ड के आधार पर उसका स्टेटस निर्भर करेगा।

दरअसल अगर बीते 4 सालों में वो 365 दिन भारत में रहा है तो ऐसे मामले में उन्हें इनकम टैक्‍स के मकसद के लिए एक रेजिडेंट इंडिविजुअल के रूप में माना जाएगा। हालांकि यह NRIs के लिए खतरे की घंटी बजा सकता है। लेकिन, राहत यह है कि उन्हें “रेजिडेंट बट नॉट आर्डिनेरिली रेजिडेंट (आरएनओआर)” माना जाएगा। क्योंकि इस स्टेटस में उनकी विदेशी आय (यानी, भारत के बाहर अर्जित आय) भारत में कर योग्य नहीं होगी।

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यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि भारतीय कंपनियों के लाभांश शेयरधारकों के हाथों में कर योग्य होंगे। दूसरी ओर, चूंकि एफसीएनआर और एनआरई जमा पर ब्याज में छूट है। इसलिए यह कर योग्य आय का हिस्सा नहीं होगा

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