क्या है सरकारी बैंकों का कहना
पंजाब नेशनल बैंक के एक सूत्र ने कहा, “कोई फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन बैंक जल्दी ही फैसला लेगा। दूसरे बैंकों को भी इस देर सबेर ऐसा करना होगा।” बैंक ऑफ इंडिया के एक सूत्र ने कहा कि कोई भी इस तरह का फैसला नहीं लिया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने भेजे गए सवालों के जवाब नहीं दिए। एसबीआई के साथ इन बैंकों ने ज्यादातर कर्जो व जमा को किनारे किया है। आईडीबीअई बैंक ने इन सवालों पर प्रतिक्रिया नहीं दी।
क्या है एसबीआई का कहना
एसबीआई ने जमा, ऋण ब्याज को आरबीआई के रेपो रेट के साथ स्वैच्छिक रूप से जोड़े जाने पर आपत्ति जताई थी। एसबीआई ने अपने बचत बैंक दरों (एक लाख रुपये से ज्यादा की सीमा) को बाह्य बेंचमार्क से जोड़ा। ऐसा करके एसबीआई अपनी ब्याज दरों को जमा व कर्ज के साथ एक मई, 2019 से बाह्य बेंचमार्क को जोडऩे की घोषणा करने वाला पहला बैंक बन गया। इसका अनुसरण इसके साथियों द्वारा किए जाने की उम्मीद है।