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RBI MPC Minutes: पैनल का कहना- आगे भी ब्याज दरों में 0.5 फीसदी की कटौती संभव

locationनई दिल्लीPublished: Feb 21, 2019 07:57:02 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

आरबीअार्इ ने जारी किया एमपीसी पैनल मिनट्स रिपोर्ट
कहा- आगे भी ब्याज दरों में हो सकती है 0.5 फीसदी की कटौती।
5 से 7 फरवरी को हुर्इ थी मौद्रिक समीक्ष नीति की बैठक।

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RBI MPC Minutes: पैनल का कहना- आगे भी ब्याज दरों में 0.5 फीसदी की कटौती

नर्इ दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने 21 फरवरी को मौद्रिक समीक्ष नीति बैठक के बारे में जानकारी दी। आरबीआर्इ की मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक 5 से 7 फरवरी के बीच हुर्इ थी। आरबीआर्इ द्वारा यह जानकारी देने के बाद रविद्र ढोलकिया ने कहा, “अब ब्याज दरों में 50 से 60 आधार अंकों की कमी के लिए रास्ता खुलते हुए दिखार्इ दे रहा है।” उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें 60 से 65 डाॅलर प्रति डाॅलर के बीच स्थिर रहने का अनुमान है। खाद्य सामग्री की कीमतें भी 3-4 तिमाहीयों के मातहत रहने के आसार हैं। सथ ही खाद्य व र्इंधन की महंगार्इ दर वित्त वर्ष 19 की तीसरी तिमाही के 5.9 फीसदी से घटर वित्त वर्ष 20 के तीसर तिमाही में 5.1 फीसदी रहने के आसार हैं।

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ढोलकिया ने कहा कि इन्हीं सब फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए कहा आगामी एक साल के लिए मुद्रास्फिति का अनुमान 4 फीसदी के लक्ष्य से कम रहने के आसार हैं। उन्होंने आगे कहा, “ब्याज दर 6.5 फीसदी रहने को देखते हुए हम कह सकते हैं कि हमे इतना अधिक नीतिगत ब्याज दर नहीं रखना पड़ेगा।” आरबीआर्इ के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के मुताबिक, खाद्य व र्इंधन को ध्यान में रखते हुए मुद्रास्फिति इसलिए महत्वपूर्ण है। अचार्य ने आगे कहा कि हालिया राजकोषीय सपोर्ट से ग्रामीण डिमांड, मेहनतान पर असर डाल सकता है। वहीं खुदरा महंगार्इ दर के असर से आगामी 12 महीनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है।

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एमपीसी ने रेपो रेट में 25 आधार का किया कटौती

उन्होंने यह भी कहा कि छोटी अवधि में अंतरराष्ट्रीय ब्रेंट क्रुड आॅयल का भाव स्थिर रहा है। हमारे तेल आयात व राजकोषीय घाटे को ध्यान में रखते हुए हेडलाइन मुद्रास्फीति कच्चे तेल की कीमतों से जोखिम को उलटने के लिए विशेष रूप से प्रतिकूल प्रतिक्रिया देती है। अाचार्य के कहने का मतलब है कि उन्होंने न्यूट्रल स्टान्स करने के लिए वोट किया था, लेकिन वो ब्याज दर को 6.5 फीसदी ही रखना चाहते थे। गौरतलब है कि एमपीसी ने अपनी बैठक के बाद रेपो रेट में 25 आधार अंक की कम कर उसे 6.5 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया था।

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