क्यों बढी कीमतें केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी सीएसओ के अनुसार, खाद्य पदार्थों के बास्केट की महंगाई दिसंबर में 4.96 फीसदी रही। जबकि नवंबर 2017 में यह 4.42 फीसदी रही थी। अंडे, सब्जियों, फलों के महंगे होने का असर इस पर देखा गया। हालांकि अनाज और दालों की महंगाई नरम रही।
आम आदमी को झटका भारतीय रिजर्व बैंक मौजूदा वित्तीय वर्ष में महंगाई को चार प्रतिशत के आसपास नियंत्रित रखना चाहता है, लेकिन यह सामान्य स्तर को पार कर गई है। ऐसे में फरवरी में होने वाली मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दर कटौती की संभावना लगभग खत्म हो गई है। ऐसे में कार, होम लोन की ईएमआई कम होने की उम्मीदों को झटका लग सकता है। वहीं लगातार बढ़ती खाद्ध पदार्थ की कीमतों ने आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ा दिया है। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि अगले महीने बजट में सरकार आम आदमी को कई सारे तोहफे दे सकती है। जिसमें सैलरी क्लास वालों की टैक्स लिमिट बढ़ाने से लेकर कई सारे बदलाव की संभावना है।