जुलाई में थोक महंगाई दर में भी गिरावट रही थी अगस्त माह में खुदरा महंगाई दर से जहां सरकार को राहत की सांस मिली है, वहीं आने वाले समय में थोक महंगाई दर भी सरकार को राहत दे सकती है। इसका कारण यह है कि पिछले माह जुलाई में भी थोक महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई थी। जुलाई में थोक महंगाई दर घटकर 5.09 फीसदी पर आ गई थी। जबकि इससे पहले जून में यह 5.77 फीसदी थी। बीते माह जुलाई में थोक महंगाई दर में गिरावट का मुख्य कारण भी सब्जियों समेत खाद्य पदार्थों में रही गिरावट थी।
रुपए की गिरावट बनी है सरकार की चिंता खुदरा महंगाई दर के अगस्त माह के आंकड़ों ने जहां सरकार में जान फूंक दी है, वहीं सितंबर में रुपए में हो रही लगातार गिरावट आने वाले दिनों में सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है। रुपए में हो रही गिरावट से लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो रही है, उससे महंगाई बढ़ने की आशंका बनी हुई है। यदि रुपए की यह गिरावट जल्द नहीं थमती है तो इसका असर आम आदमी से जुड़ी रोजमर्रा की वस्तुओं पर दिखने लगेगा। यदि एेसा होता है तो आने वाले महीनों में खुदरा और थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी हो सकती है।