चौथी बार बढ़ी बिलेटेड ITR की मोहलत
आपको बता दें कि ITR की ओर से इस तरहकी समयसीमा चौथी बार बढ़ाई गई है। बैसे सामान्य तौर पर इसकी आखिरी तारीख 31 मार्च होती है लेकिन कोरोना काल को देखते हुए इसकी समयसीमा को बढ़ाकर 30 जून 2020 किया गया था इसके बाद फिर इसकी तारीख को बढ़ाकर 31 जुलाई, 2020 कर दिया। फिर एक बार इसकी तारीख में फेरबदल किया गया और इसकी तारीख बढ़ाकर 30 सितंबर, 2020 कर दी गई। और अब इसे 30 नवंबर किया गया है।
करोड़ों टैक्सपेयर्स की बढ़ जाती मुश्किलें
30 सितंबर को घोषित की गई तारीख को यदि नहीं बढ़ाया गया होता तो करोड़ों करदाता वित्त वर्ष 2018-19 का रिटर्न फाइल करने का मौका खो देते। और ये लोग अपना रिटर्न तभी भर सकते थे जब उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस भेजा जाता। हालांकि, देर से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना भरना होता है। यदि इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो देर से रिटर्न फाइल करने की 1000 रुपये लेट फाइलिंग फीस वसूली जाएगी।
क्या होता है बिलेटेड और रिवाइज्ड रिटर्न
यहां हम आपको बिलेटेड और रिवाइज्ड रिटर्न के अंतर के बारेंमें बता रहे है। यदि आप किसी साल अपना ITR भरना भूल जाते हैं तो इसके आप बाद में रिटर्न भर सकते हैं। इसे बिलेटेड ITR कहते हैं।
और रिवाइज्ड ITR कोई टैक्सपेयर तब फाइल करता है, जब उससे ओरिजनल टैक्स रिटर्न फाइल करते समय कोई भूल हो जाती है। इसमें डिडक्शन का क्लेम भूल जाना, इनकम या बैंक अकाउंट इत्यादि को रिपोर्ट न करने जैसी गलतियां शामिल हैं।