ये भी पढ़ेः ऐसे स्टार्ट करे इंटरनेशनल बिजनेस तो हर हाल में मिलेगी कामयाबी ये भी पढ़ेः योग टीचर की निकली जॉब, 250000 रुपए महीना होगी तनख्वाह, 1 जून तक करें अप्लाई देश भर से लगभग 12 लाख से अधिक अप्रशिक्षित अध्यापक इन परीक्षा में भाग ले रहे हैं। परीक्षा के लिए पूरे देश में 3186 एग्जाम सेंटर बनाए गए हैं। NIOS द्वारा दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस परीक्षा में 12,62,044 अप्रशिक्षु भाग ले रहे हैं। इनमें सर्वाधिक संख्या पश्चिम बंगाल, बिहार, आसान, मध्यप्रदेश तथा उत्तरप्रदेश के अध्यापकों की है।
D.El.Ed programme में एडमिशन के लिए आयोजित इस परीक्षा में बिहार से 2,69,377, पश्चिम बंगाल से 1,62,456, उत्तर प्रदेश से 1,61,338, मध्यप्रदेश से 1,57,127, आसाम से 1,16,930 अप्रशिक्षित अध्यापक भाग ले रहे हैं। परीक्षा में इस बार अनुत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर दिया जाएगा।
ये भी पढ़ेः इंटीरियर डिजाइन सेक्टर में जबरदस्त स्कोप, जानिए कैसे बनाए कॅरियर उल्लेखनीय है कि NIOS को पहले National Open School के नाम से जाना जाता था तथा इसकी स्थापना भारत सरकार के HRD Department द्वारा 1989 में एक ऑटोनोमस इंस्टीट्यूट के रूप में की गई थी।
भारत सरकार द्वारा लागू किए गए Right to Education Act के तहत अब देश भर के सभी अध्यापकों के लिए प्रोफेशनली रूप से प्रशिक्षित होना अनिवार्य है। एक अनुमान के अनुसार पूरे देश में लगभग 14 लाख अप्रशिक्षित शिक्षक है जिन्हें मार्च 2019 के पहले D.El.Ed programme के लिए आयोजित परीक्षा को उत्तीर्ण करना आवश्यक है अन्यथा उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।