6 माह का डिप्लोमा कोर्स करना होगा
एनसीटीई की ओर इस बारे में राजपत्र प्रकाशित किया गया है। इसमें कहा गया है कि प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती में 50 फीसदी अंकों के साथ स्नातक और बीएड की डिग्री को भी अर्हता मानी जाएगा। हालांकि शिक्षक बनने के बाद ऐसे प्रतिभागियों को 2 वर्ष के अंदर एनसीटीई से मान्यता प्राप्त किसी संस्था से प्राइमरी शिक्षक के लिए 6 माह का डिप्लोमा कोर्स करना होगा। गौरतलब है कि राज्यों की मांग पर विशेष स्थिति में बीएड पास अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक नियुक्त किया गया है। लेकिन इसके लिए राज्यों को केंद्र से विशेष अनुमति लेनी पड़ती थी। अब बीएड डिग्री वालों की प्राइमरी स्कूल टीचर के लिए भर्ती सामान्य तौर पर की जा सकेगी।
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प्राइमरी शिक्षकों के इतने लाख पद खाली
गौरतलब है कि डेढ़ साल पहले लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बताया था कि देश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 9 लाख 7 हजार 585 शिक्षकों के पद खाली हैं। इनमें आधी हिस्सेदारी सिर्फ चार राज्यों बिहार, यूपी, मध्यप्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल की है।
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यहां पर हैं सबसे ज्यादा प्राइमरी शिक्षक के पद खाली
बिहार— 203650 पद
यूपी— 174666 पद
प. बंगाल— 85835 पद
झारखंड— 73793 पद
उत्तराखंड— 7676 पद
दिल्ली— 14132 पद