इसलिए निकाला आॅफर
सरकारी प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर के मुताबिक इस स्कूल में अब तक महज 3 बच्चों ने प्रवेश ले लिया है। लेकिन अब इस आॅफर के चले कई अन्य छात्रों ने भी ऐडमिशन के लिए इच्छा जताई है। इस स्कूल की शुरूआत 1996 में 165 छात्रों के साथ की गई थी। इस गांव के अधिकांश परिवार कृषि पर निर्भर हैं लेकिन फसल का नुकसान बढ़ने के कारण उनका पलायन हो रहा है जिस वजह से बच्चों की संख्या कम हो गई थी। इस वजह से छात्रों की संख्या 10 पर आ गई। इसके बाद इंग्लिश मीडियम स्कूल के क्रेज की वजह से भी छात्रों की संख्या 5 पर आ गई थी। इस गांव में सिर्फ 65 परिवार रहते हैं।
सरकार का स्कूल बंद करने का फैसला
छात्रों की संख्या घटने की वजह से प्रदेश सरकार ने स्कूल बंद करने का फैसला लिया था। लेकिन राजेश ने गांववालों के साथ बैठक करके प्रोत्साहन का आइडिया निकाला। गांव के एक व्यापारी सेकर ने कहा कि वह स्कूल में प्रवेश लेने वाले बच्चे को एक ग्राम सोने का सिक्का देंगे। वहीं, गांव के मुखिया सेलवाराज ने कहा कि वह अपनी ओर से 5,000 रुपये देंगे। इस वजह से सब एकसाथ आ गए जिससे अब स्कूल बंद होने से बच सकता है।